क्षेत्रीय अस्पताल में नर्सों की कमी

By: Dec 1st, 2017 12:05 am

 सोलन — जिला के सबसे बड़े अस्पताल में स्टाफ नर्सों की भारी कमी चल रही है। आलम यह है कि 200 बेड का अस्पताल 29 स्टाफ नर्सों के हवाले है। पिछले कई सालों से सोलन अस्पताल में नर्सों के अतिरिक्त पद सजृत नहीं हो पाए हैं। इसके चलते अस्पताल प्रशासन को ट्रेनी नर्सिंग स्टूडेंट से काम चलाना पड़ता है। क्षेत्रीय अस्पताल में मरीजों के हिसाब से नर्सों की भारी कमी है, लेकिन सरकार द्वारा इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।  जानकारी के अनुसार क्षेत्रीय अस्पताल में स्टाफ नर्सों  में सरकार कई वर्षों से सोलन अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ के अतिरिक्त पद सृजित करने की बात कह रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर अभी तक नए पद नहीं भरे जा सके हैं। गौर रहे कि सोलन अस्पताल में अभी तक 1975 की जनसंख्या के आधार पर ही डाक्टरों व स्टाफ नर्सों के पद सृजित किए गए हैं। उस समय शहर के आबादी करीब 20 हजार थी, लेकिन अब शहर की आबादी 60 हजार से अधिक हो चुकी है। अस्पताल पर सोलन समेत शिमला व सिरमौर के लोग भी अपना ईलाज करवाने के लिए अस्पताल आते हैं। इसके बावजूद अस्पताल में स्टाफ नर्सों के पद सृजित नहीं हुए हैं। 29 नर्सों पर 200 रोगियों का जिम्मा है। सोलन अस्पताल के गायनी वार्ड, जनरल सर्जिकल, फिमेल सर्जिकल, मेल सर्जीकल, फीमेल मेडिकल, मेल मेडिकल, चिल्ड्रन, ऑर्थो, ईएनटी एंड आई वार्ड में औसतन 200 रोगी उपचार के लिए भर्ती रहते हैं। यह संख्या आईजीएमसी शिमला के बाद सब से अधिक है। इतने रोगियों की 24 घंटे देखरेख का जिम्मा मात्र 29 नर्सिंग स्टॉफ है। स्टाफ नर्सों को रोटेशन के आधार पर आठ घंटे की ड्यूटी देनी पड़ती है। इस लिहाज से अस्पताल में एक समय में दस नर्सें  अपनी सेवाएं देती हैं। ऐसे में एक नर्स पर 20 रोगियों के उपचार का जिम्मा रहता है। ऐसे में स्टाफ नर्सों के छुट्टी पर जाने पर कई बार ट्रेनी नर्सिंग स्टूडेंट का सहारा, तो लेना ही पड़ता है।


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