प्रतिभा व सुविधा के अनुरूप चलाएं संस्थान

By: Dec 22nd, 2017 12:06 am

भूपिंदर सिंह

राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं

हिमाचल प्रदेश में खेल प्रशिक्षण के लिए बहुत ही अच्छी जलवायु है। खेल विभाग, विभिन्न राज्य खेल संघों, विश्वविद्यालय व राज्य शिक्षा विभाग मिलकर प्रदेश में सुविधा व प्रतिभा के अनुसार खेल संस्थान खोलकर उन्हें ठीक ढंग से चलाएं, तो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को हिमाचल पदक विजेता खिलाड़ी दे सकता है…

हिमाचल प्रदेश में पिछले दशक तक खेल सुविधाओं की बहुत कमी थी। प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने अपने कार्यकाल में राज्य के छह जिलों में सुविधाओं के अनुसार विभिन्न खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल ढांचा खड़ा करवाया था। ऊना में हाकी के लिए एस्ट्रो ट्रर्फ बिछाई है, मगर वहां खेल छात्रावास में हाकी ही नहीं है। राज्य के बाल खेल छात्रावास ऊना में हाकी के लिए राज्य के अच्छे किशोरों का चयन कर वहां हाकी को चलाना चाहिए। लड़कियों के लिए छात्रावास का प्रबंध कर यहां पर हाकी के गुरुओं द्वारा हिमाचली बालाओं को भी सिखाया जाना चाहिए। जहां पुरुष वर्ग में पद्मश्री चरणजीत सिंह ओलंपिक में स्वर्ण पदक का सफर कर चुके हैं, वहीं सीता गोसाईं भारतीय हाकी में वर्षों तक देश का प्रतिनिधित्व करती रही हैं। दीपक ठाकुर ओलंपियन को देश में तेज-तर्रार फारवर्ड के रूप में कौन नहीं जानता है। स्कूली व कनिष्ठ राष्ट्रीय हाकी प्रतियोगिताओं में हिमाचल प्रदेश की बालाओं का कोई न कोई पदक लगभग हर वर्ष राज्य को मिलता रहता है। क्या पंजाब व अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक को अनुबंधित कर हाकी में देश को हिमाचल उच्च स्तरीय खिलाड़ी नहीं दिला सकता है।

धर्मशाला में एथलेटिक्स के लिए बहुत अच्छा सिंथेटिक ट्रैक बिछा है। उसका उपयोग राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविरों के साथ-साथ भारतीय खेल प्राधिकरण का खेल छात्रावास भी कर रहा है। मगर राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर के परिसर में बिछा सिंथेटिक ट्रैक आज पांच वर्ष बाद भी धावकों तथा अच्छे प्रशिक्षक की तलाश में टकटकी लगाए बैठा है। हमीरपुर के इस अंतरराष्ट्रीय स्तर को ट्रैक के पास बालक व बालिकाओं के लिए खेल छात्रावास का प्रबंध किया जा सकता है। क्या हिमाचल सरकार यहां पर खेल छात्रावास बनाने की जल्द ही शुरुआत करेगी। मंडी तथा ऊना में दो तरणताल दो दशकों से प्रशिक्षक के इंतजार में सूखे पड़े हैं। क्या नई राज्य सरकार इन दोनों जगह प्रशिक्षक नियुक्त कर तैराकी को राज्य में बढ़ावा देगी। इंडोर खेलों के लिए लगभग हर जिला में इंडोर स्टेडियम सफेद हाथी बनकर खड़े हैं। यह अलग बात है कि वहां पर राज्य के अधिकारी शाम को आकर बैडमिंटन व टेबल टेनिस आदि खेल कर अपनी थकान जरूर मिटा लेते हैं।

राज्य का खेल विभाग इन इंडोर स्टेडियमों का उपयोग राज्य के किशोर खिलाडि़यों के प्रशिक्षण के लिए कब करेगा। वर्षों से राज्य के कई स्कूलों में कुछ खेलों के खेल छात्रावास चल रहे हैं। खेल सुविधा के अनुसार अधिक जगह खेल नर्सरियों को सरकार क्यों नहीं चला पा रही है। पिछले तीन दशकों से राज्य के महाविद्यालयों में खेल ढांचे की उपलब्धता के अनुसार खेल विंग चलाने की मांग हो रही है, मगर इस बात पर न तो शिक्षा विभाग सोच पाया है और न ही खेल विभाग। राज्य के अधिकतर महाविद्यालय के पास आज छात्रावास बने हैं। उसी में किसी खेल विशेष, जिसके लिए महाविद्यालय परिसर में सुविधा है, का खेल विंग स्थापित करने में खर्चा भी अधिक नहीं है, क्या शिक्षा व खेल विभाग इस विषय पर कभी विचार कर राज्य के कालेज खिलाड़ी विद्यार्थियों को यह सुविधा देने जा रहा है। राज्य के गोबिंद सागर व पौंग डैम मानव निर्मित बड़ी झीलें तो पहले से ही हैं, अब कोल डैम भी बनकर तैयार है। पंजाब तथा अन्य पड़ोसी राज्य यहां अपनी राज्य व विश्वविद्यालय प्रतियोगिताएं आयोजित करवा रहे हैं। हिमाचल का खेल विभाग इन झीलों के नजदीकी विद्यालय व महाविद्यालयों के साथ समन्वय स्थापित कर आजतक नौकायान व इससे जुड़ी स्पर्धाओं का प्रशिक्षण शुरू क्यों नहीं करवा पाया है। राज्य में वर्षों से पानी की खेलों के प्रशिक्षक नियुक्त हैं, फिर हिमाचल की टीम स्कूली राष्ट्रीय प्रतियोगिता व अंतर विश्वविद्यालय स्तर पर आज तक क्यों नहीं नजर आई है?

हिमाचल प्रदेश में खेल प्रशिक्षण के लिए बहुत ही अच्छी जलवायु है। खेल विभाग, विभिन्न राज्य खेल संघों, विश्वविद्यालय व राज्य शिक्षा विभाग मिलकर प्रदेश में सुविधा व प्रतिभा के अनुसार खेल संस्थान खोलकर उन्हें ठीक ढंग से चलाएं, तो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को हिमाचल पदक विजेता खिलाड़ी दे सकता है। कई प्रदेशों ने अपने यहां पिछले एक दशक से विभिन्न खेलों में सुविधा के अनुसार खेल संस्थान खोल कर वहां देश के अच्छे अनुभवी प्रशिक्षकों को नियुक्त कर अब देश को अच्छे खिलाड़ी निकालने शुरू कर दिए हैं। नई सरकार अपनी युवा व खेल नीति में प्रदेश में युवाओं की ऊर्जा को उचित दिशा देने के लिए जरूर प्रदेश में अच्छे खेल संस्थान स्थापित करेगी, ताकि इस बर्फ के प्रदेश के लोग भी पहाड़ का परिचय विश्व में उत्कृष्ट रूप में दिला सकें।

ई-मेल : penaltycorner007@rediffmail.com


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App