बोर्ड खुद छापेगा 5वीं-8वीं के पर्चे

By: Dec 8th, 2017 12:02 am

शिमला— प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा प्रणाली को लेकर शिक्षा विभाग अलर्ट हो गया है। इस बार हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला ने आठवीं व पांचवीं कक्षा के प्रश्न पत्र खुद छापे हैं। हांलाकि बोर्ड द्वारा प्रश्न पत्र छापने के बाद एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या बोर्ड को एसएसए यानी सर्वशिक्षा अभियान की कार्यप्रणाली पर भरोसा नहीं था। कुछ समय से एसएसए ही आठवीं कक्षा तक के छात्रों के प्रश्नपत्र तैयार करता आया है, तो वहीं दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि बोर्ड ने पांचवीं व आठवीं की परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र इसलिए तैयार किए हैं, क्योंकि परीक्षाओं के बाद बोर्ड इन कक्षाओं की शिक्षा की समीक्षा करेगा। जब से पांचवीं व आठवीं कक्षाओं के लिए बोर्ड सिस्टम खत्म किया गया है, तब से एसएसए ही इन कक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र तैयार करता है, लेकिन कुछ समय से मांग की जा रही थी कि इन कक्षाओं को बोर्ड सिस्टम में लाना जरूरी है। इसी वजह से विभाग की ओर से इस बार प्रश्नपत्र खुद छापे गए। परीक्षा होने के बाद विभाग इन दोनों कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई की समीक्षा करेगा। इसके साथ ही इस पर भी विचार किया जाएगा कि क्या इन कक्षाओं को बोर्ड में सम्मिलित करना आवश्यक है कि नहीं।

बोर्ड सिस्टम को भी तैयार

स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के अध्यक्ष बलबीर तेगटा का कहना है कि प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार ही यह फैसला लिया गया है। आने वाले समय में सरकार अगर इन दोनों कक्षाओं को बोर्ड सिस्टम में लागू करने के आदेश देती है, तो वे इस पर भी कार्य करने को तैयार हैं।

छात्रों को फेल होने का डर ही नहीं

लंबे समय से बोर्ड को सुझाव मिल रहे थे कि इन कक्षाओं को बोर्ड में लाया जाए। सुझावों में बताया गया है कि इन कक्षाओं के बोर्ड में न होने के कारण स्कूली छात्रों को फेल होने का खतरा नहीं रहता, जिस वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। छात्र बड़ी कक्षाओं तक पंहुच जाते हैं, लेकिन उन्हें अक्षरों का ज्ञान व अंकों का ज्ञान तक नहीं होता। अब बोर्ड देखेगा कि आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल न करने का फैसला छात्रों की पढ़ाई पर कितना बुरा असर डाल रहा है।

सीसीटीवी कैमरे लगवा लें स्कूल

शिमला — प्रदेश भर में होने वाली बोर्ड की दसवीं व बारहवीं की परिक्षाओं के दौरान निजी स्कूलों को भी सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने इस मामले को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि नकल रोकने के मकसद से यह फैसला लिया गया है। उनका कहना है कि अगर निजी स्कूल प्रबंधन की ओर से विभाग के इस फैसले को गंभीर रूप से नहीं लिया गया, तो ऐसे में स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। मार्च से पहले निजी व सरकारी स्कूल प्रबंधन को ये कैमरे लगाने होंगे। विभाग ने यह फैसला बोर्ड की परिक्षाओं में बढ़ रही नकल देखते हुए किया है। उच्च शिक्षा के निदेशक डा.बीएल विंटा ने खबर की पुष्टि की है।


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