करोड़ों की रोजी-रोटी पर संकट

By: Jan 11th, 2018 12:04 am

खुदरा में एफडीआई नियम सरल करने पर बरसा अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ

नई दिल्ली— अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने खुदरा कारोबार के दरवाजे विदेशी कंपनियों के लिए पूरी तरह खोल दिए जाने का जोरदार विरोध करते हुएबुधवार को कहा कि इससे करोड़ों छोटे दुकानदारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में खुदरा कारोबार को पूरी तरह विदेशी कंपनियों के लिए खोले जाने के बुधवार के मंत्रिमंडल के फैसले को चुनावी वादा तोड़ने वाला बताते हुए कैट ने कहा छोटे दुकानदारों को राहत के लिए कदम उठाने की बजाय सरकार उनकी रोजी-रोटी पर कुठाराघात कर रही है। कैट के अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी बचाने के लिए जल्दी ही राष्ट्रव्यापी रणनीति का ऐलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत उपभोक्ता आधारित अर्थव्यवस्था है। सरकार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने में असफल रही है और खुदरा कारोबार करोड़ों लोगों की आजीविका का जरिया है। इसमें शिक्षित, अशिक्षित, ग्रामीण और शहरी सभी तबके के लोग जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीयों की अपनी खानपान की संस्कृति है। बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने उत्पादों के बूते भारतीय समाज की संस्कृति को तहस-नहस कर देगीं। सरकार के इस फैसले से बड़े पैमाने पर बेरोजगारी फैलेगी और छोटे दुकानदारों को अपना कारोबार समेटना पड़ेगा। श्री खंडेलवाल ने कहा कि वह पहले भी खुदरा कारोबार को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए खोलने का कड़ा विरोध करते आए हैं और मोदी सरकार के इस निर्णय के हरसंभव विरोध किया जाएगा।


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