परवरिश की खामियां

By: Jan 26th, 2018 12:05 am

नीरज मानिकटाहला, यमुनानगर (ई-पेपर के मार्फत)

यमुनानगर के एक नामी स्कूल में 12वीं कक्षा के छात्र द्वारा दिनदहाड़े महिला प्रिंसिपल की हत्या दुखद व स्तब्ध करने वाली घटना है। गत चंद महीनों में लखनऊ, गुरुग्राम, जींद व नोएडा में स्कूली बच्चों ने जिन हृदयविदारक घटनाओं को अंजाम दिया है, वे इस बात की ओर साफ संकेत करती हैं कि विद्यार्थियों में आपराधिक प्रवृत्ति अनवरत बढ़ रही है, जो कि यकीनन चिंता का विषय है। सवाल उठना लाजिमी है कि कहीं हमारी शैक्षिक, सामाजिक या पारिवारिक परवरिश में तो खामियां नहीं हैं? आखिरकार बच्चे इतना उत्तेजित क्यों हो जाते हैं कि पल भर में ही अपना आपा खो बैठते हैं और अपने कोमल हाथों में शास्त्र के बजाय शस्त्र थाम बैठते हैं और बेचैन कर देने वाली घटना को अंजाम दे डालते हैं। लिहाजा शिक्षा के मंदिरों में मनोवैज्ञानिक व काउंसलर का होना जरूरी है जो बच्चों को इस विकारग्रस्त प्रवृत्ति से उबार सकें।

 


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