बिस्कुट पर जीएसटी कम करे सरकार

By: Jan 19th, 2018 12:08 am

आईबीएमए ने उत्पाद निर्माताआें के लिए उठाई आवाज, टैक्स 12 फीसदी करने की मांग

नई दिल्ली— बिस्कुट निर्माताओं, विशेष रूप से एसएमई क्षेत्र में 18 प्रतिशत की दर पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के लागू होने के कारण मुश्किल के दौर से गुजर रहे हैं। यह उद्योग 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होने के बाद मंद पड़ गया है और इसे दोबारा सुचारू करने के लिए जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत तक कम करने की जरूरत है। यहा मांग सरकार से भारतीय बिस्कुट मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन (आईबीएमए) के अध्यक्ष बीपी अग्रवाल ने की। उन्होंने कहा कि बिस्कुट एक बड़े पैमाने पर उपभोग किया जाने वाला खाद्य उत्पाद है, स्वच्छता से संसाधित बिस्कुट के उपभोक्ता मुख्य रूप से गरीब वर्ग के लोग हैं, लेकिन बिस्कुट को एक प्रीमियम उत्पाद समझा गया है, जिसे समृद्ध समाज द्वारा उपभोग किया जाने वाला समझकर इसे उच्च कर प्रणाली में शामिल कर लिया गया है। बिस्कुट कम लागत पर स्वच्छता, ऊर्जा, पोषण की तलाश करने वाले रिक्शा चालकों और कम पैसा पाने वाले मजदूरों द्वारा उपयोग किया जाने वाला आम उत्पाद है। इसी तरह के खाद्य उत्पादों जैसे कि मिठाइयां (पांच प्रतिशत), प्रसंस्कृत सूखे मेवे (पांच प्रतिशत), चाय (पांच प्रतिशत) जूस, नमकीन, जाम, जेली, नूडल्स, पास्ता व टमाटर कैचअप (12 प्रतिशत) पर जीएसटी कम है, जबकि बिस्कुट पर जीएसटी 18 प्रतिशत लगाया गया है। हम सरकार को बिस्कुट उद्योग पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू करने के फैसले की दोबारा समीक्षा करने का आग्रह करते हैं। इस उद्योग के विकास में स्थिरता से बचने के लिए जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत तक लाने की आवश्यकता है।


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