…मातृभूमि का तन-मन सारा

By: Jan 27th, 2018 12:07 am
विजय विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा। सदा शक्ति बरसाने वाला…श्यामलाल गुप्त ‘पार्षद’ की यह रचना निश्चय ही नौजवानों में वतन के लिए मर-मिटने की प्रेरणा भरती है। आज का दिन उन वीर सपूतों को याद करने का है, जिनकी बदौलत हम 69वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। ये वही शहीद हैं, जिन्होंने हमें सांसें देने के लिए अपनी जिंदगी गंवा दी। इस कुर्बानी में हिमाचल का शौर्य अमर है। यही वजह है कि सरहद की हिफाजत में पहाड़ सीना तान खड़े रहता है और शहादत से नहीं चूकता। इस साल भी 53 हिमाचली सपूतों ने शहादत को गले लगाया। आइए गणतंत्र दिवस पर इन्हें सलाम करें…

एक साल में हिमाचल के 53 लाल वतन पर कुर्बान

हमीरपुर – सरहद की हिफाजत के लिए पिछले साल 11 हिमाचली सपूतों ने आतंकियों से लोहा लेते हुए शहादत को गले लगाया। गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान इन शहीदों को पूरा राष्ट्र नमन करेगा। इसके अलावा 42 अन्य जवानों ने भी शहादत का इसी साल जाम पिया है। अहम है कि आतंकियों से भिड़ंत में इस साल सबसे ज्यादा जवान हिमाचल के ही शहीद हुए हैं। देश की आजादी के बाद अब तक हिमाचल के कुल 1214 जवान मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं। यह आंकड़ा देश के अन्य राज्यों के मुकाबले काफी आगे है। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस साल 53 जवान शहीद हुए हैं। इनमें 11 आतंकी मुठभेड़ के चलते तिरंगे में लिपटकर आए, जबकि 11 मार्च को कांगड़ा जिला के बड़ोह के सुन्नी गांव का सुरेश कुमार शहीद हुआ। मंडी जिला के नेरचौक के हैड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार ने 24 अप्रैल को शहादत को गले लगाया। पालमपुर के चचियां निवासी एएसआई संजय कुमार भी इसी दिन शहीद हुए। धर्मशाला के दाड़ी गांव के मेजर शिखर थापा 17 जुलाई को शहीद हुए। हमीरपुर जिला के गलोड़ निवासी सूबेदार शशी कुमार ने 18 जुलाई को सरहद पर रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाई। लाहुल-स्पीति जिला के उदयपुर के समीपवर्ती करपट गांव के तेंजिन छुलाटिन तीन अगस्त को शहीद हुए। नालागढ़ के गुलारवाला गांव के लांस नायक शिवदत्त ने 11 दिसंबर को मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। नूरपुर के खन्नी गांव के सूबेदार राजकुमार नौ अक्तूबर को शहीद हुए। पहली सितंबर को धर्मशाला के दाड़ी गांव के लांस नायक मुनीष खनका ने देश की खातिर जान गंवाई। हमीरपुर के टिक्कर खतरियां निवासी कुलदीप राज 31 दिसंबर को शहीद हुए। आसम रायफल में तैनात मंडी जिला के पंडोह गांव के इंद्र सिंह 13 नवंबर को शहीद हुए थे। बहरहाल शहीदों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन पीडि़त परिवारों को आश्वासनों के सिबाय कुछ नहीं मिल रहा। पठानकोट आतंकी हमले में शहीद हुए प्रदेश के दोनों जवानों के परिवारों को राज्य सरकार ने 20-20 लाख देने का ऐलान किया है। हालांकि इससे पहले देश के लिए कुर्बान हुए इस साल के 58 जांवाजों के परिवारों को घोषणाआें के अलावा कुछ नहीं मिला। पठानकोट में शहीद हुए शाहपुर के छतड़ी गांव के संजीवन राणा तथा भटियात की बलाणा पंचायत के जगदीश चंद के परिवारों के लिए राज्य सरकार का ऐलान राहत का संदेश हो सकता है।

दो साल में कांगड़ा से 37 जवानों ने पाई शहादत

पिछले दो सालों में कांगड़ा जिला के 37 जवान शहीद हो चुके हैं। दो साल पहले संजीवन राणा, मेजर अविजय, कर्नल विकास शर्मा, राकेश कुमार, विजय कुमार, स्वरूप चंद, करतार चंद, गुरजीत सिंह बैंस, दीपक सिंह, रजत गुलेरिया, दिलजीत सिंह, राजेंद्र कुमार, कश्मीर सिंह, कमलजीत सिंह, संतोष कुमार, करनैल सिंह, संजय कुमार, आेंकार सिंह, सुनीन कुमार माधो राम, पूर्ण चंद, तेंजिन, जिग्मे, लखवीर सिंह, रोहित कुमार, सिकंदर कुमार, विनोद कुमार मैहरा, सतीश कुमार, प्रकाश चंद, रविंद्र सिंह, संदीप कुमार, विनोद कुमार तथा विनय सिंह शामिल हैं।

वतन पर कुर्बानी में हमीरपुर जिला दूसरे नंबर पर

शहादत का जाम पीने वालों में दूसरा नंबर हमीरपुर जिला का है। इस जिला से नायब सूबेदार शेर सिंह, नायब सूबेदार जीवन सिंह, हवलदार अशोक कुमार, नायक कश्मीर सिंह, लेंस नायक सतीश कुमार, हवलदार प्रदीप कुमार, सिपाही मलकीत सिंह, सूबेदार विजय पाल, सिपाही विनोद कुमार, हवलदार राजीव कुमार, सिपाही बांके बिहारी, नायक सतीश कुमार, एलडी पियार चंद, हवलदार राजेश कुमार, लैंस नायक हेमराज व राजीव शर्मा शहीद हुए हैं।

* मंडी जिला से प्रकाश चंद, विकास भारद्वाज तथा मनोज कुमार को शहादत मिली।

* ऊना के संदीप सिंह जसवाल व विजय कुमार देश के लिए कुर्बान हुए।

* सिरमौर जिला के अशोक राणा व सोहन सिंह के हिस्से शहादत आई।

* बिलासपुर के राजेश कुमार, अरुण चंदेल तथा सौरभ कुमार ने देश के लिए जान दी है।

* चंबा जिला से हवलदार सुभाष चंद तथा जगदीश चंद ने हिंदोस्तान के लिए शहादत का जाम पिया।


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