धरती पर लौटे ऊपरी शिमला के देवी-देवता

By: Feb 13th, 2018 12:05 am

गूर के माध्यम से की वर्ष भर की भविष्यवाणी, सूखे के चलते कृषि व बागबानी हो सकती है प्रभावित

 रामपुर बुशहर – एक माह के स्वर्ग प्रवास के बाद सोमवार को सैकड़ों देवता इंद्रदेव की सभा से साल भर का लेखा-जोखा लेकर वापस धरती पर लौट आए। क्षेत्र के देव स्थल एक माह तक देवता के स्वर्ग प्रवास के कारण सूने पड़े थे। सोमवार को देवताओं के धरती पर लौटने से फिर से देव स्थलों में रौनक लौट आई है। बारिश होने के बावजूद भी लोग मंदिरों में डटे रहे। मौसम का तेवर भी लोगों की अपने ईष्ट देवता के प्रति आस्था को नहीं रोक सका। रविवार को सभी देव स्थलों में देवताओं के आने पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोरों पर रहीं। रामपुर खंड के अलग-अलग इलाकों में इस दिन कार्यक्रम आयोजित कर देवताओं का भव्य स्वागत किया जाता है। इस दिन की विशेष बात यह रहती है कि देवता अपने गुर के माध्यम से बरशोह यानी साल भर की भविष्यवाणी करते हैं। इसे सुनने के लिए सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण अपने ईष्ट देवता के मंदिर में सुबह ही पहुंच जाते हैं। कहीं-कहीं देवताओं के गुर द्वारा कही जाने वाली भविष्यवाणी को गड़ाई भी कहा जाता है। ऐसे में सभी लोग इस दिन के इंतजार में रहते हैं। इस दिन ग्रामीण अपने देवताओं से आशीर्वाद लेते हैं। ग्रामीणों की मान्यता है कि पहले दिन जब देवता स्वर्ग प्रवास से धरती पर लौटकर आते हैं, तो उनकी शक्ति काफी अधिक रहती है ऐसे में पहले दिन आशीर्वाद लेने से वह फलीभूत हो जाते हैं। अब हर क्षेत्र में मंगल कार्य शुरू हो जाएंगे। खासकर शादी व अन्य धार्मिक समारोह आयोजित हो सकेंगे। ग्रामीणों में इस दिन की विशेष मान्यता है। बताते चलें कि क्षेत्र के सभी देवी-देवता मकर संक्रांति के दिन एक माह के प्रवास पर इंद्र लोक को निकलते हैं,  जिसके बाद देव मूर्तियों को रथों से उतार कर रख दिया जाता है और मंदिर में किसी प्रकार का कोई भी अनुष्ठान आयोजित नहीं किया जाता। उनके वापस लौटने के बाद ही मूर्तियों को रथ पर लगाया जाता है। इनके आने की खुशी में मंदिरों के कपाट खोल दिए जाते हैं और उनका पूरे विधि-विधान के साथ स्वागत किया जाता है। मान्यता है कि एक माह के लिए सभी देवी-देवता स्वर्ग प्रवास में इंद्र देव की सभा में शिरकत करते हैं। इस सभा में हर क्षेत्र के भविष्य की गतिविधियां तय होती हैं। अधिकतर जगहों पर इस बार कृषि व बागबानी सूखे के चलते प्रभावित होने की भविष्यवाणी हुई है।

भविष्यवाणी के बाद गूर ने बांटे सरसों के दाने

लक्ष्मी नारायण मंदिर कुमसू में देवता के गुर ने वर्ष 2018 की भविष्यवाणी करने के बाद सबको सरसों के दाने बांटे, जिन्हें लोग देवता का आशीर्वाद समझ कर रखते हैं। इस दौरान लोगों के हाथों में गिरने वाले हर दाने का अपना ही महत्त्व होता है और इन्हें लेने के लिए मंदिर प्रांगण में लोगों का हुजूम उमड़ता है।


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