नौकरी को तरसे पंजाब के युवा

By: Feb 5th, 2018 12:02 am

हाईकोर्ट के आदेशों को लेकर पूर्व व मौजूदा कैप्टन सरकार नहीं गंभीर

चंडीगढ़— एक तरफ पंजाब सरकार राज्य में शिक्षकों की भारी कमी का रोना रो रही है तो दूसरी तरफ करीब नौ साल पहले चयनित उच्च शिक्षा प्राप्त पी टी आई को आजतक जवाइनिंग नहीं दी गई है। पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेशो के बावजूद पंजाब की पूर्व तथा मौजूदा सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है। रविवार को इक्विटी एंड जस्टिस इंटरनेशनल संस्था के संरक्षक अशोक कुमार ने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 से मैरिट सूची में उच्च योग्यता प्रमाण हासिल करने वाले नौजवान सरकार के दरबार में धक्के खा रहे हैं। इक्विटी एंड जस्टिस इंटरनेशनल संस्था के प्रतिनिधयों ने चयनित पीटीआई की मौजूदगी में पंजाब सरकार से मांग उठाई की सरकार हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने की बजाए उन्हें नियुक्तियां प्रदान करे।

यह है पूरा मामला

अशोक कुमार ने बताया कि वर्ष 2006 में पंजाब के शिक्षा विभाग ने पी टी आई के 244 रिक्त पदों के लिए इश्तिहार जारी किया था। इसके चयन में भारी घोटाला उस समय सामने आया जब विभाग ने मैरिट सूचि में शामिल उच्च योग्यता वाले अभ्यर्थियों को दरकिनार करते हुए निम्न योग्यता वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे डाली। हाई कोर्ट ने उच्च शिक्षा वाले अभ्यर्थियों के हक़ में फैसला सुना दिया।इसके बाद विभाग केस को डबल बैच के पास ले गया लेकिन वहां भी उच्च योग्यता वाले अभ्यर्थियों की जीत हो गई।इसके बाद शिक्षा विभाग ने पहले से तैनात अभ्यर्थियों को तो सेवा मुक्त कर दिया लेकिन याचिका दायरकर्ताओं को नियुक्ति नहीं दी गई।इस दौरान हटाये गए पी टी आई भी अदालत में चले गए तो अदालत ने फैसले पर स्थगनादेश जारी कर दिया।


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