स्वां तटीकरण का ‘कल’खतरे में

By: Feb 11th, 2018 12:06 am

ऊना—देश की सबसे बड़ी 922 करोड़ रुपए की स्वां नदी व सहायक खड्डों के तटीकरण की परियोजना सरकार की नजर-ए-इनायत को तरस रही है। इस परियोजना को लेकर प्रदेश व केंद्र सरकार के अधिकारियों में समन्वय स्थापित नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते इस परियोजना के भविष्य पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। प्रदेश सरकार का वित्त विभाग इस योजना के लिए केंद्र से राशि जारी करने की दलीलें दे रहा है, जबकि केंद्रीय अधिकारी 2013 की गाइडलाइंस के अनुसार इसके लिए पहले स्टेट को अपने हिस्से से राशि व्यय करने व इसके बाद ही केंद्रीय बजट आबंटित करने की बात कर रहे हैं। दोनों पक्ष अपने-अपने तर्कों पर अडिग हैं तथा इसी रुख के चलते इस परियोजना के लिए बजट रिलीज नहीं हो पा रहा है। अढ़ाई साल से इस परियोजना के तहत कार्यों पर ब्रेक लग चुकी है। 922 करोड़ रुपए की इस परियोजना के तहत दौलतपुर चौक से लेकर गगरेट पुल तक स्वां नदी के दोनों किनारोें के अलावा स्वां नदी से सतलुज नदी में मिलने वाली 53 सहायक खड्डों का तटीकरण होना है। अभी तक इस परियोजना पर 413 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, जिसमें केंद्र सरकार ने करीब 250 करोड़ रुपए व राज्य सरकार ने 160 करोड़ रुपए व्यय किए हैं। 70ः30 के अनुपात में केंद्र व राज्य सरकार ने इस योजना पर धनराशि व्यय करनी है। राज्य सरकार अभी तक इस योजना में करीब 40 करोड़ रुपए अधिक व्यय कर चुकी है। प्रदेश सरकार ने केंद्र को स्वां नदी तटीकरण के लिए 220 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा है, लेकिन केंद्र इसके लिए राशि भेजने को तैयार नहीं है। केंद्र से बाढ़ नियंत्रण फंड के तहत मात्र 40 से 45 करोड़ रुपए ही जारी करने पर सहमति बनी है। केंद्र का तर्क है कि राज्य सरकार अपने हिस्से की राशि व्यय करे तथा कार्य की प्रगति की समीक्षा के उपरांत केंद्र यहां अपने हिस्से की राशि जारी करेगा, वहीं राज्य द्वारा हिस्से से अधिक व्यय की गई राशि को भी वापस लौटाएगा। यदि इस दफा भी प्रदेश सरकार के 220 करोड़ रुपए के प्रस्ताव के बाद केंद्र 40 से 45 करोड़ रुपए जारी करता है, तो प्रदेश सरकार के वित्त विभाग से इसे पुराने स्टेट शेयर में ही एडजस्ट कर लेने की सूरत में नया कार्य शुरू करने के लिए धन नहीं बचेगा तथा केंद्र सरकार बिना कार्य शुरू किए अगली किस्त जारी नहीं करेगा। इससे इस पूरी परियोजना के सिरे चढ़ने पर संदेह है। इस चक्कर में कहीं यह परियोजना ही खटाई में न पड़ जाए।

ऊना जिला की लाइफलाइन

ऊना के लिए स्वां नदी व सहायक खड्डों का तटीकरण लाइफलाइन मानी जा रही है। तटीकरण परियोजना के चौथे चरण के बाद स्वां नदी से ब्यास में मिलने वाली करीब 20 सहायक खड्डों के तटीकरण के लिए पांचवें चरण का प्रस्ताव भी पाइपलाइन में है, लेकिन चौथे चरण के ही अधर में लटकने से पांचवें चरण पर पहले ही ग्रहण लग गया है। तटीकरण कार्य के पूरे होने से ऊना की 15 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि रिक्लेम होगी, जिससे ऊना जिला पूरे प्रदेश में कृषि उत्पादन में नंबर-वन साबित हो राज्य की जरूरतों को पूरा कर सकेगा।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App