होटल कारोबारियों को सरकार की बड़ी राहत

By: Feb 6th, 2018 12:10 am

नए नियम पूरा करने पर मकलोडगंज में एक दर्जन होटलों को बिजली-पानी बहाल

धर्मशाला — पर्यटन सीजन से पहले प्रदेश के होटल कारोबारियों को सरकार ने बड़ी राहत देने की तैयारी शुरू कर दी है। अवैध होटलों का लेवल लगने से बिजली-पानी गवां चुके होटलों को आने वाले दिनों में नियमानुसार सुविधा मिलेगी। नए नियमों के तहत होटलों को वैध हिस्से को सुचारू रूप से शुरू करने के द्वार खुल जाएंगे। यह सुविधा कामर्शियल होटलों को ही मिल पाएगी। उधर, नए डिवेलपमेंट प्लान को अपू्रवल मिलने के बाद मकलोडगंज के कोर एरिया सहित अन्य क्षेत्रों को भी बड़ी राहत मिल सकती है। इसके तहत पार्किंग के अलावा चार मंजिल तक भवन वैध हो जाएंगे। हालांकि चार मंजिल से अधिक निर्माण करने वालों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अपर भागसूनाग और धर्मकोट में घरों से गेस्ट हाउसिज व कामर्शियल होटलोें में बदले गए भवनों का मामला अभी लटका हुआ है। उन्होंने भी अब मामले को हल करने के लिए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगा दी है। पर्यटन नगरी मकलोडगंज में नियमों को दरकिनार कर चलने वाले होटलों पर हुई कार्रवाई के बाद अब रीहैबलीटेशन का कार्य शुरू हो गया है। अब तक करीब एक दर्जन होटल कारोबारियों ने नियमों को पूरा कर लिया है, जिसके चलते उन्हें राहत मिल गई है। करीब एक दर्जन से अधिक होटल मालिक इस प्रक्रिया को पूरा करने में लगे हुए हैं। धर्मशाला में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भी सरकार ने इन्हें राहत देने के लिए नियमों में ढील देने का ऐलान किया है। उधर, शहरी विकास एवं अवास मंत्री सरवीण चौधरी ने विभाग को नए प्लान व मंत्रिमंडल के निर्णय पर अमल करते हुए सारी योजना को निर्धारित समय के भीतर सिरे चढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि सरकार कारोबारियोें को राहत देने की योजना पर काम कर रही है। होटलियर भी निर्धारित नियमों को पूरा कर सैलानियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करें।

धर्मकोट-भागसूनाम के लोग प्रधानमंत्री मोदी की शरण में

मकलोडगंज के धर्मकोट एवं अपर भागसू में भवनों की काटी गई बिजली तथा पानी के कनेक्शनों पर स्थानीय लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा है। स्थानीय लोगों किशन चंद, पार्षद ओंकार नैहरिया, नीलम देवी, जमना देवी, सरन दास, सतीश कुमार सहित अन्य ने ज्ञापन में कहा है कि भौगोलिक परिस्थिति के चलते क्षेत्र में कृषि तथा बागबानी के कार्य संभव नहीं हैं। प्राकृतिक सुदंरता के चलते यहां पर्यटन कारोबार बेहतर है। क्षेत्र के लोग जनजाति वर्ग से हैं। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशों के चलते आईपीएच तथा बिजली बोर्ड ने कुछ घरों के कनेक्शन काट दिए हैं, लेकिन उन्हें किसी प्रकार का नोटिस नहीं दिया।


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