बेटियों का पालन-पोषण करने में हिमाचल की अम्मा सुदर्शना आगे

By: Mar 7th, 2018 12:05 am

 कुल्लू —कुल्लू- मैने जिंदगी में यह ठान ली है कि हर वक्त समाज सेवा करूं। समाज सेवा करते हुए मुझे कितनी कठिनाई भी आए, मैं उससे लड़ने को  तैयार हूं। मेरे आंचल से सरकार और प्रशासन ने बच्चे छीने, कब मेरे गोद से छीने बच्चे वापस आएंगे, उसका मुझे बेहद इंतजार है। यह वही महिला है जो मनाली में रूरल एसोसिएशन फॉर डब्लपमेंट एंड हेल्पफुल अस्स्टिंट संस्था चला रही हैं। अपनों का दामन छोड़कर दूसरों के लिए जी रही सुदर्शना ठाकुर किसी परिचय की मोहताज नहीं है। आज पूरे हिमाचल की अम्मा कहे जाने वाली सुदर्शना ठाकुर के आंचल से छीन लिए गए बच्चों को वापस आने की फरियाद कर रही है। हालांकि कई संस्था नाम के लिए बनी है और संस्थाएं कागजों में ही सुर्खियों में रही है। अगर इस संस्था के द्वार पर पहुंचकर कोई देखें तो इसके काम का आइना कितना सुंदर और मन मोह लेने वाला है। संस्था महिला, बच्चों और गरीबों की सहायता के लिए तत्पर रहती है। मौजूदा समय में भी जहां संस्था बेटियों का पालन पोषण करते हुए अहम भूमिका निभा रही है। वहीं, दिन के समय मजदूरों के बच्चों का पालन पोषण भी कर रही है। संस्था हालांकि हिमाचल में प्रसिद्ध है। लेकिन अभी तक संस्था को सरकार से बडे़ स्तर पर सम्मान नहीं मिला है। फिर भी संस्था की संचालिका कहती है कि उन्हें अवार्ड नहीं सिर्फ सबका का आशीर्वाद चाहिए। सुदर्शना के आंचल में पांच-छह ऐसी बेटियां हैं जो गरीब घर से संबंध रखी है और जिनकी पढ़ाई संस्था द्वारा की जा रही है। संस्था के सहयोग से बेटियां जमा दो, एमए, बीएससी कर रही हैं।

भूल नहीं सकती ‘दिव्य हिमाचल का अवार्ड’

सुदर्शना का कहना है कि मैं दिव्य हिमाचल द्वारा दिया गए प्रेरणा पुरस्कार कभी नहीं भूल सकती हूं। उनका कहना है कि ‘दिव्य हिमाचल’ ने दिए अवार्ड से मेरे नाम ऊंचा हुआ है। इसके अलावा उन्हें आरबीआई चंडीगढ़ और 8 मार्च 2014 को महिला दिवस के मौके एसडीएम ने उन्हें सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि ‘दिव्य हिमाचल’ उनका समय समय पर सहयोग भी करती है।

इस घटना से हुई थीं आहत

बता दें कि 8 मार्च 2014 को जिला प्रशासन ने बेस्ट कार्य के लिए प्रशासन ने सम्मानित किया और 10 मार्च को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत सरकार के निर्देश पर  संस्था का आंगन खाली कर दिया गया। इससे सुदर्शना अभी तक आहत दिख रही है।

डीसी कंवर ने सराहा था काम

सुदर्शना का कहना है कि कुल्लू में उपायुक्त रहे राकेश कंवर ने उनके कार्य की खूब सराहना की थी। वह कभी मदद करने से पीछे नहीं हटे। आज भी कुल्लू आने पर वह उनसे मिलने जरूर आते हैं।

ये हैं संस्था के आगामी कार्य

बता दें कि संस्था ने आगामी सामाजिक कार्य की रूपरेखा भी तैयार की है। जहां बच्चों को वापस लाने का प्रयास किया जाएगा। वहीं, कुल्लू-मनाली के बिखरे आर्ट को संजोए रखने का कार्य करेगी।  हालांकि आर्ट गैलरी पर काम चल रही है। इसके साथ जंगली जानवरों को जंगलों में ही फल के पौधे रोपित करने का भी प्लान तैयार किया है।


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