उच्च अध्ययन संस्थान पहुंचे रूस के राजदूत
शिमला— भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशिवा ने भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान का दौरा किया। संस्थान के अध्यक्ष प्रो. कपिल कपूर ने उनका स्वागत किया और कहा कि इस यात्रा से भारत ओर रूस के अकादमिक संबंधों में और प्रगाढ़ता आएगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में 50वें दशक में पहला रूसी अध्ययन संस्थान स्थापित किया गया था और यहां न सिर्फ टालस्टॉय, दोस्तायेव्यस्की, गोर्की, टर्ज़नेव सोल्शेनित्सिन, पास्तेरनाक तथा पुष्किन जैसे कवियों के बारे में पढ़ाया जाता है, जिन्होंने भारतीय छात्रों, कवियों तथा उपन्यासकारों को प्रभावित किया है, बल्कि भारत के बहुत से विश्वविद्यालयों में रूसी भाषा तथा साहित्य का भी पठन-पाठन होता है। प्रो. कपूर ने बताया कि रूस से प्रगाढ़ संबंधों के दृष्टिगत जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने तीन अक्तूबर, 2000 को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कानून में डाक्टरेट की डिग्री से सम्मानित किया था। उन्होंने कहा कि संस्थान रूसी विद्वानों तथा विद्यार्थियों के साथ परस्पर बौद्धिक संबंध बनाने का इच्छुक है। इस भेंट के दौरान निकोले कुदाशिवा ने संस्थान को रूस और भारत के संबंधों पर आधारित कुछ पुस्तकें भेंट कीं।
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