केसीसी बैंक का निदेशक मंडल भंग

By: Apr 8th, 2018 12:05 am

रजिस्ट्रार को-आपरेटिव सोसायटी ने की कार्रवाई, फिलहाल उपायुक्त कांगड़ा संदीप कुमार देखेंगे काम

शिमला— अंततः कांगड़ा सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक पर गाज गिर गई है। रजिस्ट्रार को-आपरेटिव सोसायटी ने अपने आदेशों में बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है, जिसके साथ ही जिलाधीश कांगड़ा संदीप कुमार को बैंक प्रबंधक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नई व्यवस्थाओं तक वही कामकाज देखेंगे। सूत्रों के अनुसार बैंक पर यह गाज वित्तीय अनियमितताओं के चलते गिरी है, जिस पर रजिस्ट्रार को-आपरेटिव सोसायटी जांच कर रहे थे। हाल ही में विधानसभा में भी बैंक से जुड़ी अनियमितताओं को लेकर खासा बवाल मचा था, जिसमें सरकार ने बताया था कि बैंक का एनपीए 21 फीसदी तक पहुंच चुका है, जो कि नाबार्ड की गाइडलाइन से अधिक है। नाबार्ड के निर्देशों में साफ है कि 10 फीसदी से ऊपर वाला बैंक नहीं चल सकता। बैंक का एनपीए 720 करोड़ तक पहुंच चुका है। वर्ष 2012-13 में इसका एनपीए 231.54 करोड़ था, जो कि पिछले पांच वर्षों में 720 करोड़ तक पहुंचा है, जिस पर यह कार्रवाई अब हो गई है। बैंक द्वारा तीन कंपनियों व दो व्यक्तियों को बड़ा लोन नियमों के विपरीत देने के आरोप हैं, जिनकी जांच चल रही थी। प्रदेश सरकार ने इसकी धांधलियों की जांच सीबीआई से करवाने का भी ऐलान कर रखा है। विधानसभा के भीतर सरकार द्वारा बताया गया था कि विदेश दौरों पर भी बेवजह करोड़ों रुपए का खर्चा किया गया और बिना अनुमति के ही विदेश दौरे हुए। शनिवार को रजिस्ट्रार को-आपरेटिव सोसायटी ने अपना फैसला सुना दिया है।

मचेगा सियासी बवाल, कांग्रेस ने दिया सिपहिया का साथ

कांग्रेस का इस मामले को लेकर आरोप रहा है कि सरकार राजनीतिक कारणों से बैंक के निदेशक मंडल को भंग करना चाहती है, क्योंकि बैंक के अध्यक्ष जगदीश सिपहिया पद से नहीं हट रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस ने जगदीश सिपहिया का साथ दिया है। अब सरकार द्वारा की गई ये कार्रवाई राजनीतिक रूप ले सकती है, जिससे राजनीतिक मंच पर बवाल मचना तय है।


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