हमीरपुर में हर प्रजाति के विदेशी खरगोश

By: Apr 23rd, 2018 12:06 am

बड़सर के डमियाणा निवासी विपिन कुमार अकाउंटेट की जॉब छोड़ रैबिट फार्म से कमा रहे लाखों

हमीरपुर  – न्यूजीलैंड का प्योर व्हाइट रैबिट हिमाचल की पहली पसंद बना है। अब आपको विदेशी खरगोश खरीदने के लिए प्रदेश से बाहर जाने की जरूरत नहीं। हमीरपुर में ही विदेशी रैबिट की हर प्रजाति उपलब्ध है। बड़सर उपमंडल के डमियाणा (करेर) गांव के नौजवान ने विदेशी रैबिट फार्म खोलकर न सिर्फ अपनी आर्थिकी सुदृढ़ की है, बल्कि प्रदेशवासियों का ध्यान भी इस ओर खींचा है। उससे लोगों ने एक साल में न्यूजीलैंड व्हाइट प्रजाति के सैकड़ों खरगोश खरीदे हैं।  न्यूजीलैंड ब्लैक रैबिट का भी जवाब नहीं है। अकाउंटेंट की नौकरी छोड़ खोला गया यह फार्म अब विपिन कुमार के जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। अब रैबिट्स की देखभाल में ही उनका ज्यादातर समय बीतता है। फार्म में विपिन के पास न्यूजीलैंड व्हाइट, न्यूजीलैंड ब्लैक, कैलिफोर्निया व्हाइट, सोवियत का चंचिला, ग्रे जैंट प्रजाति के खरगोश हैं, वहीं आपको फ्रेंच व जर्मन अंगोरा नाम का रैबिट भी यहां मिल जाएगा। बिना किसी विभागीय सबसिडी के खोला गया यह फार्म अब हर साल लाखों की कमाई कर रहा है। पहले साल ही विपिन कुमार ने फार्म से अढ़ाई लाख रुपए का मुनाफा कमाया है। विपिन कर्नाटक में एक नामी कंपनी में अकाउंटेंट थे। अच्छा खासा वेतन मिलने के बावजूद उनका अपना ही कारोबार करने का मन था, जिसके चलते वह अपने गांव लौट आए। पहले विपिन का मन पोल्ट्रीफार्म खोलने का था, बाद में उन्होंने अपना इरादा बदल दिया। नेट पर सर्च करने के बाद उन्हें हरियाणा में रैबिट फार्म होने की जानकारी मिली। इसके बाद विपिन ने ठान लिया कि अब रैबिट फार्म ही खोलेंगे। विपिन का कारोबार फल-फूल रहा है। कई लोग शौकिया तौर पर न्यूजीलैंड व्हाइट रैबिट को तवज्जो दे रहे हैं, वहीं बड़े खरगोशों को मांस के तौर पर बाहरी राज्यों में सप्लाई किया जा रहा है। अब तक विपिन 1200 रैबिट बाहरी राज्यों में भेज चुके हैं, वहीं सैकड़ों खरगोश लोगों ने शौक के तौर पर यहां से लिए हैं। न्यूजीलैंड रैबिट पूरी तरह सफेद है। इसमें एक भी बाल किसी अन्य रंग का नहीं होता। इसकी आंखें भी इसके रंग से ही मिलती हैं। यह लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने में पूरी तरह सक्षम है।

हरियाणा में ली ट्रेनिंग

विपिन कुमार ने हरियाणा पहुंचकर खरगोशों से संबंधित जानकारी हासिल की। इसके बाद 15 दिन की ट्रेनिंग ली। बाद में तीन महीने का अभ्यास हरियाणा के रैबिट फार्म में ही किया। घर लौटकर जून, 2017 में विपिन ने रैबिट फार्म खोल लिया। विपिन हरियाणा से एक साल की उम्र के हर प्रजाति के रैबिट घर लाए। उन्होंने रैबिट फार्म के निर्माण पर करीब एक लाख 25 हजार रुपए खर्च किए।

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