अगस्त में हिमाचल आएगा 15वां वित्तायोग

By: May 2nd, 2018 12:06 am

वित्त महकमे ने शुरू की दौरे की तैयारियां, केंद्र-राज्य में भाजपा की सरकार होने से बड़ी उम्मीद

शिमला— 47 हजार करोड़ रुपए के  कर्ज बोझ तले दबे पहाड़ी राज्य हिमाचल को अब 15वें वित्तायोग से बड़ी उम्मीद है। अहम बात यह भी है कि राज्य में अब भाजपा नीत सरकार है और केंद्र में भी भाजपा की सरकार, ऐसे में हिमाचल के साथ जो वादे मोदी सरकार ने किए हैं, उनको पूरा करने का वक्त आ गया है। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा गठित 15वें वित्तायोग की टीम अगस्त महीने में हिमाचल के दौरे पर आ रही है। वित्तायोग की टीम के यहां आने से पहले राज्य के वित्त महकमे ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। उनसे उठाए जाने वाले मामलों की फेहरिस्त तैयार करने के लिए यहां वित्त महकमे ने अलग से स्टाफ की तैनाती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि बाद में किसी तरह की दिक्कत पेश न आए। अगस्त महीने में 15वां वित्तायोग यहां आएगा, जो मुख्यमंत्री के साथ-साथ अधिकारियों के साथ भी बैठक करेगा। वित्तायोग के सदस्य यहां पर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा भी कर सकते हैं। गौर हो कि केंद्र सरकार के 14वें वित्तायोग ने हिमाचल को बड़ी राहत दी थी। केंद्र में मोदी सरकार थी, जिसने राज्य को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए तब मदद की सिफारिश की थी। 14वें वित्तायोग से हिमाचल को वर्ष 2016 में 63 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि पांच साल के लिए देने का निर्णय लिया गया। पहले केंद्रीय टैक्स में हिमाचल का हिस्सा 32 फीसदी का था, जिसे इस वित्तायोग ने बढ़ाकर 42 फीसदी किया था। इसमें 10 फीसदी की बढ़ोतरी हिमाचल के लिए लाभदायक रही। यहां ध्यान देने योग्य बात है कि 14वें वित्तायोग की राशि हिमाचल को वर्ष 2016 से 2020 तक के लिए मिली है। अब 15वां वित्तायोग अपनी सिफारिश वर्ष 2021 से 2025 तक के लिए करेगा।

केंद्रीय कर में हिस्सा बढ़े तो बात बने

हिमाचल प्रदेश यही चाहता है कि इस दफा केंद्रीय कर में 42 फीसदी की जो दर तय थी, उससे भी अधिक का हिस्सा हिमाचल को मिले। इसकी पैरवी हिमाचल सरकार करेगी और खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने भी भरोसा दिलाया है कि वह खुद हिमाचल की पैरवी करेंगे।

प्रदेश की आर्थिक स्थिति समझनी होगी

केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा एक तय फार्मूले के आधार पर वित्तायोग तय करता है। 15वां वित्तायोग अब क्या फार्मूला तय करेगा यह उस पर निर्भर करता है। वित्तायोग सभी राज्यों को इसी फार्मूले के आधार पर पैसा देता है, जोकि राज्यों का हक है। इसमें हिमाचल की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार सिफारिश कर सकती है, जिसकी प्रदेश को प्रधानमंत्री से उम्मीद है।

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