एक जैसी शान, फिर क्यों नहीं मिली पहचान

By: May 2nd, 2018 12:09 am

पांवटा साहिब —उत्तराखंड के जोंसार बावर और हिमाचल के गिरिपार क्षेत्र के सभी पर्व व त्योहार एक दूसरे से मेल खाते हैं। हर पर्व में दोनों क्षेत्रों में समानता की छाप आज भी देखने को मिलती है, लेकिन फिर भी गिरिपार क्षेत्र आज भी अपने अधिकार यानी जनजातीय क्षेत्र को घोषित करवाने की लड़ाई लड़ रहा है। अब क्षेत्र में अप्रैल माह में होने वाले बिशु मेलों की ही बात करें जो आजकल क्षेत्र में चल रहे हैं। गिरिपार और जोंसार क्षेत्र में सदियों से हर साल बिशु मेलों का आयोजन होता है। यह आयोजन बैसाख की संक्रांति से शुरू होते हैं। इस दौरान जहां गिरिपार क्षेत्र में सुइनल, बागनल, कफोटा, सतौन, तिलौरधार, कांडो, मश्वा, शरली और जाखना आदि गांवों में हर्षोल्लास के साथ इन मेलों का आयोजन होता है। वहीं, जोंसार के मोका बागे, देलउ के डांडे, क्वाणू, खुरड़ी के डांडे और टिंबरा आदि में भी इसी प्रकार के मेलों का आयोजन होता है। इन मेलों की समान विशेषता यह होती है कि मेलों में जहां पारंपरिक परिधानों मंे लोग पहुंचते हैं, वहीं मेलों में संस्कृति की छटा को बिखरते रासा नृत्य और ठोडो नृत्य का आयोजन करते हैं। आज भी हिमाचल के गिरिपार के बिशु मेलों में जोंसार के लोग ठोडो नृत्य खेलने आते हैं, तो गिरिपार के लोग भी जोंसार के मेलों में उक्त नृत्य का आनंद लेते हैं। गिरिपार के सुइनल और जोंसार के क्वाणू में बिशु मेले में यह नजारा आम देखा जा सकता है। दोनों ही क्षेत्रों में मेले के दौरान स्थानीय देवता की पालकी मेले का भ्रमण करती है। मेले में लोग देवता के समक्ष शीश नवाकर सुख-शांति का आशीर्वाद लेते हैं। मेले के दौरान जलेबी मुख्य मीठा व्यंजन होता है। दोनों क्षेत्रों में बिशु मेले एक ही महीने में होते हैं और आज भी यह परंपरा बरकरार है। फिर भी गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय का दर्जा नहीं मिल पाया है। गिरिपार क्षेत्र के बुद्धिजीवी और हाटी समिति की केंद्रीय कार्यकारिणी के सचिव कुंदन सिंह शास्त्री बताते हैं कि जोंसार में जो संस्कृति व परंपराएं हैं गिरिपार मंे भी वही समान परंपराएं व संस्कृति आज भी कायम है। ऐसे में गिरिपार को उक्त दर्जे के हक से दूर रखना कतई न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को राजनीतिक उठापटक में फंसाने की बजाय सभी को मिल-जुलकर जोरदार तरीके से कंेद्र के समक्ष उठाना चाहिए, तभी गिरिपार क्षेत्र की यह चिर लंबित मांग पूरी हो सकती है।

अपने सपनों के जीवनसंगी को ढूँढिये भारत  मैट्रिमोनी पर – निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन!


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App