घनारी में प्रवचनों से निहाल किए श्रद्धालु

By: May 30th, 2018 12:05 am

दौलतपुर चौक  – साधु की पहचान उसके वस्त्रों से नहीं उसके गुणों से होती है देखने में तो रावण साधु के भेस में आया और दूसरी ओर शुकदेव जी दिगंबर भेसधारी हैं, परंतु दोनों में कितना अंतर है। रावण ने साधु भेश में सीता का हरण किया और शुकदेव जी ने परीक्षित महाराज को श्रीमद्भागवत कथा का रसपान करवा कर उनका सात दिनों में ही उद्धार कर दिया। ये प्रवचन सिद्ध बाबा मौनी धाम घनारी में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव के तीसरे दिन की कथा में मंगलवार को स्वामी देवकीनंदन दास महाराज ने किए। इस अवसर पर कमेटी प्रधान राजीव पराशर, विकास पराशर, तरलोक, मनोज, हैप्पी, विक्की, रमन कालिया, बिट्टू, शम्मी, गौरव, अमन, रछपाल सिंह, रंजू, निर्मल भारद्वाज इत्यादि उपस्थित थे।

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