तीसरे दिन भी जारी रही हड़ताल

By: May 4th, 2018 12:07 am

बरमाणा सीमेंट फैक्टरी में ढुलान कार्य बंद, 5500 ट्रकों के पहिए जाम

बरमाणा – एशिया की सबसे बड़ी ट्रक यूनियन बीडीटीएस (बिलासपुर जिला ट्रक आपरेटर सहकारी सभा) बरमाणा के पुकार हाल में तीसरे दिन भी सीमेंट व क्लिंकर के लिए गाडि़यों की डिमांड ट्रक आपरेटरों के विरोध के चलते नहीं हो पाई। ढुलान कार्य बंद होने के चलते आपरेटरों को लाखों रुपए का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। गुरुवार को समस्त ट्रक आपरेटरों द्वारा सामूहिक तौर पर पिछले कई वर्षों से चली आ रही मांगों का एक मसौदा पुकार हाल में सबकी सहमति से विचार-विमर्श कर बनाया गया। दूसरी ओर गुरुवार को एसीसी प्रबंधन द्वारा भी सहकारी सभा को बैठक के लिए बुलाया गया था, लेकिन बैठक में उच्च प्रबंधन के उपलब्ध न होने के कारण बैठक बेनतीजा ही समाप्त हो गई। उल्लेखनीय है पहली मई को ट्रक आपरेटरों के भारी विरोध के चलते डिमांड हाल में गाडि़यों की डिमांड पूर्णता बंद कर दी गई थी। आपरेटरों का आरोप यह रहा है कि बाहरी राज्य के सीमेंट डंप व प्रदेश के स्टॉकिस्टों द्वारा सीमेंट गाडि़यों की अनलोडिंग तीन से चार दिनों तक मैक्सिमम जगहों पर की जा रही थी। इस समस्या को लेकर कार्यकारिणी द्वारा भी एसीसी प्रबंधन को कई बार अवगत करवाया गया, लेकिन एसीसी फैक्टरी के अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया गया और न ही अन्य समस्याएं का समाधान भी जिला प्रशासन के दिशा-निर्देश के बावजूद एसीसी प्रबंधन करने में पूर्णता असफल रहा है। लाखों रुपए का प्रतिदिन कारोबार करने वाली एसीसी फैक्टरी का पहिया भी रुक गया है। इस कारण लाखों रुपए की आर्थिक हानि आपरेटरों के साथ-साथ सरकारी खजाने को भी लगना स्वाभाविक ही है। एसीसी के कुप्रबंधन के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई है, जिस कारण बीडीटीएस सोसायटी व भूतपूर्व सैनिक ट्रक यूनियन के तकरीबन 5500 ट्रकों का पहिया जाम हो चुका है। आपरेटरों द्वारा डिमांड हाल से लेकर एसीसी फैक्टरी के गेट तक शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन भी किया।

मिनट्स पत्र पर चर्चा मात्र एक औपचारिकता

बीडीटीएस के प्रधान रमेश ठाकुर ने कहा कि एसीसी प्रबंधन ने बैठक का न्योता गुरुवार सुबह दिया था। इस पर वर्तमान कार्यकारिणी एवं पूर्व कार्यकारिणी के कुछ सदस्य मीटिंग में उपस्थित रहे, लेकिन आपरेटरों की समस्याओं के मिनट्स पत्र पर चर्चा मात्र एक औपचारिकता ही रही है। एसीसी प्रबंधन की ओर से बैठे अधिकारियों ने कहा कि टॉप मैनेजमेंट के अधिकारी 11 तारीख या फिर 15 मई को यहां पर पहुंच रहे हैं इसलिए बैठक में दिए गए मांग पत्र पर कोई भी फैसला नहीं दे पाए। आपरेटरों की ओर से लिए गए निर्णय अनुसार एसीसी प्रबंधन को बैठक में ही अल्टीमेटम दे दिया गया है कि जब तक आपरेटरों की समस्याओं का व दी गई मांगों का हल नहीं होता है, ढुलान का कार्य बंद ही रहेगा।

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