पानी का पचड़ा… कंट्रोल रूम में घुसी जनता

By: May 28th, 2018 12:10 am

शिमला  —शिमला में पानी की किल्लत विकराल हो गई है। शहर में पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच गई है। जनता पानी की बूंद-बूंद को तरस रही है। शहर में सात-आठ दिन बाद भी पानी की सप्लाई न होने से जनता के सब्र बांध टूटने लगा है। गुस्साई जनता सड़कों पर उतरने लगी है। पेयजल किल्लत से त्रस्त लोगों ने रविवार को शिमला में नगर निगम कंट्रोल रूम का घेराव किया। इस दौरान गुस्साई जनता ने नगर निगम के कंट्रोल रूम के बाहर और भीतर जमकर नारेबाजी की और अपना रोष व्यक्त किया। लोगों का आरोप है कि उन्हें सात-आठ दिन बाद भी पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। डिमांड पर टैंकर भी नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में जनता को पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है। गुस्साई जनता दो घंटे तक कंट्रोल रूम में डटी रही। हालांकि शुरूआत में जनता में भारी रोष था, जिसका उन्होंने प्रदर्शन भी किया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए। शिमला में भारी पेयजल संकट को लेकर यह दूसरा धरना-प्रदर्शन है। बीते शनिवार को भी अपर चैप्सली के लोगों ने सड़क पर उतर कर निगम प्रशासन के खिलाफ अपना गुस्सा जताया था।

खरीदकर पानी पी रहे लोग

शिमला में पेयजल किल्लत विकराल हो गई है। जनता को पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है। पानी के लिए लोग प्राकृतिक पेयजल स्रोतों व हैंडपंप के चक्कर काट रहे हैं।

पानी की बंदर-बांट

समरहिल वार्ड की पार्षद शैली शर्मा ने आरोप लगाया कि शहर में पानी की बंदर बांट हो रही है। वीवीआईपी क्षेत्रों में रोजाना पानी की सप्लाई हो रही है, जबकि कई क्षेत्रों में जनता को सप्ताह में एक दिन भी पानी नहीं मिल पा रहा है। उनका आरोप है कि पानी को लेकर राज्य सरकार व नगर निगम प्रशासन गंभीर नहीं है।

अपना सही जीवनसंगी चुनिए| केवल भारत मैट्रिमोनी पर-  निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन!


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App