प्रदेश में बढ़ेगा चाय उत्पादन

By: May 20th, 2018 12:01 am

पालमपुर – एक दौर था जब अंतरराट्रीय मार्केट में अपने खास स्वाद और महक के लिए पहचानी जाने वाली कांगड़ा चाय की सालाना पैदावार 17 लाख किलो के आंकड़े को पार कर गई थी। अब आलम यह है कि पिछले कई वर्षों से चाय के उत्पादन का ग्राफ  दस लाख किलोग्राम तक नहीं पहुंच पा रहा है। जानकारों के अनुसार प्रदेश में चाय के उत्पादन का ग्राफ  एक बार फिर नई उंचाइयों को छू सकता है, बशर्तें प्रदेश के तमाम चाय बागानों का सही तरीके से रखरखाव किया जाए। गौर रहे कि किसी समय प्रदेश में करीब 2300 हेक्टेयर पर चाय की खेती होती थी और वैज्ञानिकों व चाय उत्पादकों के प्रयासों से 1998-99 के दौरान प्रदेश में चाय उत्पादन का ग्राफ 17 लाख किलोग्राम तक जा पहुंचा था। उसके बाद से सही प्रोत्साहन न मिलने, लेबर की समस्या, सबसिडी की कमी और कुछ अन्य कारणों से चाय की पैदावार लुढ़क कर दस लाख किलोग्राम से कम पर पहुंच चुकी है। इस वक्त प्रदेश में करीब 1100 हेक्टेयर बागान ही सही हालात में हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि 2300 हेक्टेयर बागानों को पुनः अच्छी हालात में लाकर चाय बागान मालिकों को प्रोत्साहित किया जाए, तो मौजूदा परिस्थितियों में अब मिल रही पैदावार से दोगुना उत्पादन हो सकता है, यानी चाय उत्पादन का आंकड़ा 20 लाख किलोग्राम सालाना को छू सकता है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि मशीनीकरण के साथ मूल्य संवर्द्धन की ओर कदम बढ़ाकर चाय उत्पादक लाभ कमा सकते हैं।

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