मौत की गोली से बदनाम कसौली

By: May 2nd, 2018 12:08 am

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाप छोड़ चुकी पर्यटन नगरी में इतिहास का सबसे बड़ा अमंगल

कसौली – अंग्रेजों के समय से अंतरराष्ट्रीय पटल पर पर्यटन की गहरी छाप छोड़ चुके हिल स्टेशन कसौली के इतिहास का काला अध्याय मंगलवार को लिखा गया। जब अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई करने पहुंची टीसीपी की एक महिला अधिकारी को एक होटल मालिक के अधेड़ उम्र के सरकारी नौकरी पेशा व्यक्ति ने गोली मार दी, जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य सरकारी कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुआ है। होटल परिसर के बाहर हुए इस हादसे के बाद कसौली पर्यटन स्थल सहित समूचा हिमाचल सकते में है।  कसौली के होटलों पर इस कार्रवाई की शुरुआत मई 2016 में हुई। जब पर्यावरण संरक्षण में काम करने वाली संस्था स्पोक ने हिमाचल सरकार के एक होटल निर्माण को लेकर एनजीटी में याचिका दायर की। इसके बाद ही एनजीटी ने कसौली में बने सभी होटलों के अवैध निर्माण पर संज्ञान लेते हुए इसे गिराए जाने के संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर दिए। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में यह मामला सबसे पहले हत्यारोपी होटल मालिक की ओर से याचिका के रूप में दिया गया। किसे मालूम था कि यह विवाद आज एक अधिकारी की मौत तक पहुंच जाएगा। सवाल यह भी है कि क्या हिमाचल में केवल कसौली के होटल कारोबारियों द्वारा ही अवैध निर्माण किया गया है। हिमाचल में पहले भी सरकार इस तरह के अवैध निर्माण को जुर्माना लगाकर वैध बनाती आई है। ऐसे में क्या इन होटल कारोबारियों को भी अपनी खून पसीने की कमाई को बचाने का अवसर नहीं दिया जाना चाहिए था। सरकार क्या इस घटना को रोक नहीं सकती थी। होटल कारोबारी कई दफा इस मामले में सरकार के सामने पेश भी हुए तो क्या सरकार अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग कर अंतिम अवसर नही दे सकती थी। यह ऐसे सवाल हैं जिस पर सरकार को अब जवाब ढूढ़ना होगा।

अवैध निर्माण : अब तक क्यों थी चुपी

गोलीकांड ने संबंधित विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही क्यों अवैध निर्माण पर एक्शन हुआ है। होटलों में अवैध निर्माण सालों पहले हो चुका था। तक विभाग ने समय रहते क्यों कार्रवाही नहीं की। जिससे आज यह घटनाक्रम पेश ही नहीं आता। अवैध निर्माण में विभागों की मिलीभगत की बू भी आ रही है, पर क्या अब इस पर सरकार कोई जांच बिठाएगी।

ठप होने की कगार पर होटल कारोबार

कसौली में एनजीटी की कार्रवाई को लेकर पहले ही पर्यटन कारोबार की रफ्तार धीमी पड़ गई थी। गोलीकांड के कारण अब पर्यटक पूरी तरह यहां से दूसरे पर्यटन स्थलों पर जाने का मन बना रहे हैं। कोई पर्यटक विवाद में नही पड़ना चाहेगा। ऐसे में कसौली के सैकड़ों लोगों का रोजगार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से छिन सकता है। सरकार को भी जाहिर तौर पर इससे नुकसान होगा।

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