एसपी-एडीएम नूरपूर हादसे के पीडि़तों से घर जाकर पूछें आपत्तियां
शिमला— नूरपुर में बस दुर्घटना में 27 बच्चों की मौत होने के मामले में प्रदेश हाई कोर्ट ने एसपी कांगड़ा और एडीएम नूरपुर को आदेश दिए कि वे दो दिनों के भीतर मृतकों के परिवारों के घर जाए और उनकी आपत्तियां सुनें। अभिभावकों ने गुरुवार को हाई कोर्ट से शिकायत की थी कि एसपी कांगड़ा और एडीएम नूरपुर ने उनकी एक भी नहीं सुनी और न ही उन्हें सहयोग किया। अदालत को बताया गया कि जहां पर दुर्घटना हुई है, वह एक दुर्घटना संभावित क्षेत्र घोषित किया गया है, लेकिन अथारिटी ने इस बारे कोई उचित कदम नहीं उठाया। लोक निर्माण विभाग ने भी सड़क के निर्माण के लिए घटिया स्तर की निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया। मामले की सुनवाई 11 जून को निर्धारित की गई है।
अवैध कब्जे हटाने को बनाएं कमेटी
शिमला — सोलन स्थित सुगंधा अपार्टमेंट/प्लेटिनम मॉल और विवंता मॉल द्वारा अवैध निर्माण को हटा दिया गया है। यह जानकारी जानकारी डीसी सोलन ने शपथपत्र के माध्यम से हाई कोर्ट को दी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने डीसी सोलन को आदेश दिए कि वह एक कमेटी का गठन कर सोलन शहर में अवैध कब्जों और निर्माणों को हटाने बारे उचित कदम उठाए। मामले की आगामी सुनवाई पांच जुलाई को निर्धारित की गई है।
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