किस काम का यह ओवरहैड टैंक

By: Jun 11th, 2018 12:05 am

 बड़सर —सरकारी धन की फिजूलखर्ची की, इससे बढ़कर हद और क्या हो सकती है कि आईपीएच विभाग ने एक ऐसी स्कीम के नाम पर दस लाख रुपए खर्च कर डाले जिस स्कीम का आज दिन तक कोई अता-पता ही नहीं है। मामला सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के बड़सर डिवीजन का है, जहां विभाग के अधिकारियों ने रैली पंचायत में बिना अस्तित्व वाली करनेहड़ा-फगोटी-भटेड़ स्कीम के नाम पर दस लाखरुपए एक टैंक बनाने के लिए फूंक डाले। विभाग ने एक ऐसी स्कीम का हवाला देकर करीब दस लाख की लागत का ओवरहैड टैंक बनवा दिया, जिस स्कीम के लिए आज तक न पंप हाउस बना, न पाइप लाइन बिछी। यानी स्कीम का अता-पता नहीं, लेकिन उसके नाम पर सीधे दस लाख खर्च कर डाले। विभागीय अधिकारियों द्वारा की गई इस फिजूलखर्ची की हद यही तक खत्म नहीं होती है। मामला इससे भी आगे का अब यह है कि इस ओवरहैड टैंक का पिछले छह सालों से कोई उपयोग नहीं किया गया है। अब आलम यह है कि बिना पाइप लाइन और बिना पानी के लाखों का टैंक सफेद हाथी साबित हो रहा है। इस ओवरहैड टैंक का निर्माण बर्ष 2011-12 में हुआ था तथा अब निर्माण के छह साल बीत जाने के उपरांत भी विभाग ने एक दफा भी लाखों रुपए की लागत से बने इस टैंक का लाभ जनता को देने की कोशिश नहीं की। इस संदर्भ में आईपीएच विभाग के बड़सर डिवीजन के एक्सईएन जतिंद्र कुमार गर्ग कहना है कि इस स्कीम तथा इसके तहत बनाए गए ओवरहैड टैंक संबंधी मामला मेरे ध्यान में नहीं है। विभाग इसका पता लगाएगा तथा कार्य को आगे बढ़ाने के लिए कोशिश की जाएगी।

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