इमरान की जीत से डरा चीन

By: Jul 26th, 2018 12:03 am

पाक चुनाव पर गहरी नजर; ड्रैगन को सताई चिंता, पीटीआई की फतह से खटाई में पड़ेंगे प्रोजेक्ट

बीजिंग, इस्लामाबाद— पाकिस्तान में चुनाव और वहां नई सरकार बनने के पूरे घटनाक्रम पर चीन गहरी नजर रखे हुए है। असल में चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) में चीन का करीब 62 अरब डालर दांव पर लगा हुआ है, इसलिए चीन को इस बात की चिंता है कि नवाज की पार्टी नहीं जीती और इमरान सत्ता में आए तो उसके इस प्रोजेक्ट का क्या होगा? इमरान चुनाव प्रचार के दौरान इस प्रोजेक्ट की आलोचना कर चुके हैं। चीन ने जब अपने महत्त्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव कार्यक्रम की शुरुआत की थी, तो उसे यह लगा था कि इससे पाकिस्तान में बड़ा बदलाव आएगा और नवाज शरीफ सरकार को इससे मजबूती मिलेगी। शरीफ की बर्खास्तगी से पहले चीन की रेनमिन यूनिवर्सिटी ने एक आंतरिक आकलन में बताया था कि इस सीपीईसी प्रोजेक्ट की अच्छी प्रगति नवाज सरकार में ही हो सकती है। पनामा पेपर खुलासे के बाद नवाज की स्थिति कमजोर होने पर इसमें चिंता जताई गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि यदि कोई अपवाद नहीं हुआ तो शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के फिर से सत्ता में आने की संभावना ज्यादा है और इस सरकार के बने रहने से सीपीईसी को समर्थन मिलेगा, लेकिन अब चीन के लिए कई चिंताजनक बातें सामने आई हैं। चुनाव अभियान के दौरान पाकिस्तान तहरीक-ए-इनसाफ के नेता इमरान खान ने सीपीईसी के कई प्रोजेक्ट्स में पारदर्शिता के अभाव और कथित भ्रष्टाचार को लेकर मौजूदा सरकार की आलोचना की थी। हाल में ऐसी कई खबरें सामने आईं कि पाकिस्तान सरकार ने इस परियोजना के लिए असाधारण नरमी बरती है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की 22 जुलाई की खबर के अनुसार सीपीईसी परियोजना में चीनी बिजली कंपनियों को उनके निवेश पर 34 फीसदी के सालाना रिटर्न का वादा किया गया है, जिसका भुगतान पाकिस्तान सरकार डालर में करेगी, लेकिन अब पाकिस्तान में आर्थिक संकट को देखते हुए यह एक बड़ा बोझ साबित हो सकता है, मंगलवार को चीन के विदेश मंत्री ने कहा था कि चुनाव का नतीजा कुछ भी हो, उनका देश पाक सरकार के साथ सहयोग करेगा।

इमरान-शाहबाज-बिलावल पीएम पद के दावेदार

इमरान खान प्रधानमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार हैं। वह पाकिस्तान तहरीक-ए-इनसाफ (पीटीआई) के प्रमुख हैं। वह पार्टी के 22 साल के इतिहास में अब तक की सबसे ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरे दावेदार हैं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ। नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम के चुनावी दौड़ से हटने के बाद वह पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं। तीसरे दावेदार हैं पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के बिलावल भुट्टो। बिलावल पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं। तीनों उम्मीदवार एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। बिलावल पहली बार चुनावी मैदान में हैं।

इमरान पर हो सकती है कार्रवाई

पाकिस्तान तहरीक-ए-इनसाफ के प्रमुख इमरान खान का वोट इस्लामाबाद संसदीय सीट से कथित तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए रद्द हो सकता है। वोट डालने के बाद मीडिया से उनके बात करने के मामले का चुनाव आयोग ने कड़ा संज्ञान लिया है। क्रिकेटर से नेता बने इमरान गोपनीयता नहीं बरतने और मीडिया तथा कैमरे के सामने वोट डालने के लिए पाकिस्तान चुनाव आयोग के निशाने पर आ गए।

वोट डालने से रोके हिजड़े

लाहौर — पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में पहली बार निवार्चन आयोग ने ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों के मतदान के दौरान ‘पर्यवेक्षकों’ की तैनाती की, लेकिन बुधवार को लाहौर में उन्हें वोट डालने की इजाजत नहीं दी गई। रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी खबरें हैं कि लाहौर में पुरुष मतदान केंद्रों पर ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को वोट डालने नहीं दिया गया। पाकिस्तान में 11वें आम चुनाव में ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य न केवल मत डाल रहे हैं, बल्कि चुनाव भी लड़ रहे हैं। इस बार पांच ट्रांसजेंडर उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इस चुनाव में 13 ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों ने राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबली के लिए अपना नामांकन पत्र भरा था, लेकिन इनमें से नौ को फंड की कमी की वजह अपना नामांकन वापस लेना पड़ा।

पंजाब प्रांत के खुहाब शहर में इलाके की महिलाओं ने पहली बार दिया वोट

पाकिस्तान में बुधवार को इस बार एक ऐसे गांव की महिलाएं ने भी वोट डाले, जिन्हें आम तौर पर इससे पहले घर से बाहर निकलने की भी इजाजत नहीं थी। डेली पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब प्रांत के खुहाब शहर में एक गांव की महिलाएं पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद पहली बार मतदान किया। इसके अनुसार, मतदान शुरू होने के बाद महिलाएं मतदान केंद्र पहुंची और अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

17 लाख हिंदू वोटर

सात लाख 96 हजार किलोमीटर में फैले पाकिस्तान में 96.28 फीसदी आबादी मुस्लिम है। यहां 1.6 फीसदी हिंदू आबादी है, जो कई सीटों पर जीत तय करती है। इसके अलावा यहां 1.59 फीसदी ईसाई और 0.58 फीसदी अन्य धर्मों के लोग रहते हैं। वोटरों में 36 लाख अल्पसंख्यक हैं। इनमें 17 लाख हिंदू वोटर हैं। सिंध के उमरकोट में 49 फीसदी और थारपारकर में 46 फीसदी वोटर अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।

नए पाकिस्तान का मुद्दा

2013 तक पाक के आम चुनाव में भारत का विरोध, कश्मीर की आजादी, बलूचिस्तान-अफगान और अमरीका मुद्दा होता था। पूर्व पीएम नवाज शरीफ-बेनजीर भुट्टो और परवेज मुशर्रफ इन्हीं मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमते थे। इस बार ऐसा नहीं है। 65 साल के इमरान ने ही सबसे पहले नए पाक का नारा दिया था। इसके बाद शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो ने भी अपने-अपने घोषणा-पत्र में पाक को तरक्की की नई राह पर ले जाने का वादा किया। बिलावल तो यह तक दावा कर चुके हैं कि अगर वह पीएम बने तो छह महीने में मुल्क भारत से आगे निकल जाएगा।

हाफिज सईद ने डाला वोट

पाक में चुनाव को लेकर आम लोगों से लेकर देश की नामचीन हस्तियों संग आतंक के आकाओं ने भी अपने मत का प्रयोग किया। राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने पत्नी संग कराची में मतदान किया, जबकि चीफ जस्टिस साकिब निशान ने लाहौर में वोट डाला। पूर्व क्रिकेटर वसीम अकरम अपनी मां के साथ मतदान करने पहुंचे। वहीं अभिनेत्री समीना पीरजादा ने ट्विटर पर स्याही लगी अंगुली के साथ अपनी तस्वीर साझा की। बख्तवार भुट्टो जरदारी और उनकी बहन असीफा भुट्टो जरदारी ने भी मतदान किया। लाहौर में पीएमएल-एन के पीएम उम्मीदवार शहबाज शरीफ ने अपना वोट डाला। मतदान के बाद उन्होंने विक्टरी साइन भी दिखाया। उधर, बिलावल भुट्टो जरदारी ने वोट देने के बाद ट्विटर पर अपनी तस्वीर शेयर की।


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