इस साल 4800 करोड़ कर्ज लेगा हिमाचल

By: Jul 3rd, 2018 12:06 am

अब तक 1500 करोड़ ले चुकी है जयराम सरकार, आगे भी ऋण के सहारे ही चलेगा कामकाज

शिमला— विकास की गति बढ़ाने के लिए जयराम सरकार इस साल 4800 करोड़ रुपए कर्ज ले सकती है। उसे कर्ज की लिमिट 200 से 300 करोड़ रुपए बढ़ गई है। सरकार अपने संसाधनों के बूते विकास को गति नहीं दे सकती, लिहाजा उसे हर साल कर्ज लेना पड़ता है। प्रदेश सरकार पर करीब 50 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो चुका है और साल दर साल उसे कर्ज लेकर ही काम चलाना पड़ रहा है। खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि बिना कर्ज के काम नहीं चल सकता। पूर्व सरकार ने भी यही किया और जयराम सरकार भी इसी पथ पर आगे बढ़ रही है। हालांकि रिसोर्स मोबिलाइजेशन के लिए पूर्व सरकार जो कदम नहीं उठा सकी है, वे कदम वर्तमान सरकार उठाना चाहती है और ऐसे प्रयास उसने शुरू भी कर दिए हैं। इनके नतीजे आने में थोड़ा समय जरूर लगेगा, लेकिन भविष्य के लिए ये प्रयास कारगर साबित होंगे, यह तय माना जा सकता है। उत्तराखंड की तर्ज पर यहां माइनिंग का काम लीज पर करवाने को सरकार ने कदम उठाया है। इससे जहां सरकार की आमदनी में इजाफा होगा, वहीं अवैज्ञानिक खनन पर भी रोक लगेगी। इसके साथ सरकार टूरिज्म को प्रोमोट करने के लिए अहम कदम उठा रही है, जिसके बेहतर नतीजे आने के संकेत भी मिल रहे हैं। ऐसी कई योजनाएं सरकार की हैं, जिनपर आने वाले दिनों में काम होगा, परंतु इससे पहले इन कामों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सरकार को कर्ज का ही सहारा लेना होगा। इसी ओर आगे बढ़ते हुए प्रदेश सरकार इस वित्त वर्ष में 4800 करोड़ रुपए तक का कर्जा ले सकती है, जिसमें से करीब 1500 करोड़ रुपए का कर्ज उसने उठा भी लिया है। हाल ही में 800 करोड़ रुपए रिजर्व बैंक से कर्ज लिया गया है, जोकि दो साल के लिए है। बता यह भी दें कि सरकार को कर्ज चुकता करने के लिए भी कर्ज लेना पड़ता है। जहां एक तरफ विकास कार्यों के लिए पैसा लेना पड़ता है, वहीं पुराने कर्जों को चुकता करने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। पिछले साल के मुकाबले यहां की कर्ज लिमिट में 200 से 300 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है, जिससे भी सरकार को कुछ राहत मिलेगी क्योंकि वह अधिक कर्ज ले सकेगी। फिर भी रिसोर्स मोबिलाइजेशन के दीर्घकालीन उपाय अपनाने जरूरी हैं, तभी प्रदेश कर्ज से भी मुक्त होगा और उन्नति के रास्ते पर भी आगे बढ़ सकेगा।

कर्ज चुकाने को भी लिया जा रहा कर्ज

जयराम सरकार अब तक करीब 1500 करोड़ रुपए का कर्ज उठा चुकी है। हाल ही में रिजर्व बैंक से 800 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया है, जोकि दो साल के लिए है। हिमाचल पर कुल कर्ज पचास हजार करोड़ के करीब पहुंच गया है। गौर करने वाली बात यह है कि राज्य सरकार को कर्ज चुकता करने के लिए भी कर्ज लेना पड़ता है।


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