कालेजों में छात्राओं को मिलेगी होस्टल सुविधा

By: Jul 15th, 2018 12:15 am

शिमला — उच्च शिक्षा ग्रहण करने में लड़कियों का आंकड़ा लड़कों से कहीं अधिक है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में अभी भी शिक्षण संस्थान छात्राओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं। शिक्षण संस्थानों में छात्राओं को सुरक्षित माहौल मिल सके और लिंग समानता आ सके, इसके लिए छात्राओं को होस्टल सुविधा कालेजों में मुहैया करवाई जाएगी। कालेजों को छात्राओं के लिए होस्टल बनवाने के लिए मदद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से की जाएगी। इसमें स्पेशल स्कीम के तहत कालेजों में शिक्षा ग्रहण कर रही छात्राओं के लिए होस्टल बनवाया जाएगा। होस्टल बनाने के लिए राशि यूजीसी शिक्षण संस्थानों को मुहैया करवाएगी। इस राशि को प्राप्त करने के लिए तय नियम पूरा करने वाले कालेज आवेदन कर सकते हैं। यूजीसी ने इस स्कीम के तहत आवेदन करने वाले कालेजों के लिए नैक से मान्यता लेना अनिवार्य किया है। इस नियम के तहत केवल उन्हीं शिक्षण संस्थानों के आवेदन मान्य होंगे, जिन्होंने नैक से मूल्यांकन करवाया है और जिनकी स्थापना को छह वर्ष का समय पूरा हो चुका है। छात्राओं के लिए कालेजों में होस्टल निर्माण की राशि यूजीसी एक साथ नहीं, बल्कि तीन किस्तों में जारी करेगी। कालेजों को ग्रांट यूजीसी की ओर से संस्थान में लड़कियों की एनरोलमेंट के आधार पर दिया जाएगा। तीन अकादमिक सत्रों में जिन कालेजों में छात्राओं की संख्या 100 से 250 के बीच होगी, उन्हें 1.20 लाख, 251 से 500 के करीब एनरोलमेंट वाले कालेज को 1.80 लाख और 500 से अधिक लड़कियों की एनरोलमेंट वाले कालेज को 2.40 लाख की राशि यूजीसी प्रदान करेगी। ये होस्टल सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे और छात्राओं के साथ ही शोधार्थियों और शिक्षिकाओं सहित महिला कर्मचारियों को भी इसमें रहने की सुविधा दी जाएगी।

लोकल अथारिटी बनाएगी डीपीआर

कालेज की लोकल अथारिटी गर्ल्ज होस्टल के लिए प्रस्ताव और डीपीआर तैयार करेगी। स्थानीय पीडब्ल्यूडी रेट के आधार पर होस्टल का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। यूजीसी को बिल्डिंग कमेटी से प्रस्ताव स्वीकृत करवाकर भेजना होगा। कमेटी में कालेज के प्राचार्य, उपप्राचार्य, विवि प्रतिनिधि, सीपीडब्ल्यू, पीडब्ल्यूडी, जिला परिषद, कारपोरेशन के सहायक अभियंता रैंक के तकनीकी प्रतिनिधि, कालेज के दो शिक्षक, प्रशासन व लेखा विभाग के प्रतिनिधि और एक आर्किटेक्ट शामिल करना जरूरी है।


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