नवजात शिशु में श्‍वास की समस्या

By: Jul 7th, 2018 12:05 am

नवजात शिशु के दुनिया में आने पर सबसे अधिक खुशी उसके मां-बाप को होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवजात को स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा सबसे अधिक होता है। कई बार नवजात में स्वास्थ्य समस्याएं गर्भ से ही होती हैं, बाकी उसके पैदा होने की प्रक्रिया पर भी निर्भर करता है। शुरुआत में नवजात को मशीनों में रखा गया है या फिर वह आपरेशन से हुआ है, इत्यादि बातें भी उसके स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होती हैं। नवजात में श्वास संबंधी समस्याएं भी कम नहीं होतीं। इसके कई कारण हो सकते हैं। आइए जानें नवजात में श्वास संबंधी समस्याओं के लक्षण कैसे होते हैं।

सांस लेने के दौरान आवाज आना

यदि आपका नवजात शिशु सांस लेने के दौरान आवाजें करता है, तो आपको उस ध्वनि को नोटिस करना चाहिए, इसी से आप बच्चे की श्वसन नली में आने वाली रुकावट या श्वसन संबंधी समस्याओं के बारे में जान सकते हैं।

विसलिंग जैसी आवाज

जब नवजात शिशु सांस लेने के दौरान सीटी की तरह आवाजें निकालता है, तो इसका अर्थ है नवजात को सांस लेने में थोड़ी सी परेशानी हो रही है और श्वसन नली में छोटी सी रुकावट है। जिसे नाक को अच्छी तरह से साफ करके दूर किया जा सकता है।

नाक से हवा पास करना

नवजात शिशु नाक से सांस लेता है न कि मुंह से। जब नवजात नाक से सांस लेने के दौरान हवा बाहर फेंकने लगे और तो यह विसलिंग नोज का ही पार्ट है, लेकिन इस दौरान बच्चे को सांस लेने में सिर्फ  हल्की सी परेशानी होती है।

रोते समय और चिल्लाते समय कफ  आना

जब बच्चा रोने लगे या फिर चिल्लाए, तो उस दौरान यदि आवाज में गड़बड़ हो, आवाज कर्कश हो या फिर बलगम निकलें तो ऐसा श्वसन नली के मार्ग में बलगम फंसने से होता है। कई बार बच्चे के रोने का कारण समझ नहीं आता, लेकिन नाक में समस्या होने के कारण भी बच्चे रोने लगते हैं।

सांस लेने के दौरान गड़गड़ाहट जैसी आवाज आना

जब बच्चा सांस लेने के दौरान गड़गड़ाहट की आवाज करने लगे, तो बच्चे की श्वसन नली में बड़ी परेशानी है और बच्चे को सांस लेने में बहुत जोर लगाना पड़ रहा है ऐसे में बच्चों के चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

कफ  का अधिक बनना

जब कभी ऐसी स्थिति होती है, तो बच्चे को खांसी, जुकाम की नौबत तक आ जाती है या फिर शिशुओं में छींकने की समस्याएं होने लगती हैं, ऐसे में बच्चे का जल्द से जल्द उपचार करवाना चाहिए।

जल्दी-जल्दी सांसें लेना या पसली चलना

कभी ऐसी परेशानी आने लगे, तो बच्चे के फेफड़ों में कोई समस्या होने के कारण ऐसा हो सकता है। ऐसी स्थिति में बच्चे का पूरा उपचार करवाना चाहिए।

नवजात में श्वास संबंधी समस्याओं के कारण 

बच्चे का समय से पूर्व होना इसका अर्थ है बच्चा नौ महीने मां के गर्भ में गुजारने से पहले ही इस दुनिया में कदम रख चुका है। यह कारण नवजात में श्वास समस्या का बहुत बड़ा कारक है।

संक्रमण

कई बार मां के कारण बच्चे को भी इन्फेक्शन हो जाता है या फिर नवजात से मिलने वाले लोगों को किसी तरह का कोई संक्रमण होता है, तो वह बच्चे में फैलने का डर रहता है।

निम्न ब्लड शुगर

यदि नवजात की मां जेस्टेशनल डायबिटीज से पीडि़त है, तो नवजात में ब्लड शुगर की मात्रा में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिससे बच्चे को श्वास संबंधी समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है।

आनुवांशिक कारण

कई बार मां को लंबे समय तक श्वास संबंधी समस्या रहती है, जो कि नवजात को भी इफेक्ट कर सकती है। इसलिए नवजात का शुरू से ही ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। नवजात शिशु की समय-समय पर शिशु विशेषज्ञ से जांच करवानी चाहिए ताकि वह स्वस्थ रह सके।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App