बिन डाक्टर कैसे होगा इलाज!

By: Jul 12th, 2018 12:01 am

नेरचौक मेडिकल कालेज में स्टाफ ही नहीं

 मंडी— लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कालेज नेरचौक में 15 जुलाई से ओपीडी शुरू करने की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन मेडिकल कालेज के पास अभी भी फैकल्टी की भारी कमी है। मेडिकल कालेज को करीब 29 फैकल्टी चाहिए। मेडिकल कालेज की ओर से प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, ट्यूटर, सीनियर और जूनियर रेजिडेंट के लिए आवेदन तो मांगे हैं, लेकिन इंटरव्यू देने के लिए कोई नहीं पहुंच रहा। हालांकि मेडिकल कालेज को दूसरे बैच के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता तो मिल चुकी है, लेकिन मेडिकल कालेज अभी भी फैकल्टी की भारी कमी से जूझ रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ डाक्टरों की भर्ती तो जुगाड़ से ही की गई है। 23 जून को मेडिकल कालेज ने रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे गए थे, लेकिन ट्यूटर को छोड़ कर अभी तक किसी ने भी इंटरव्यू ही नहीं दिया है। इस तरह हिमाचल के दूसरे मेडिकल कालेजों की तरह नए नवेले मेडिकल कालेज भी डाक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं। इस वक्त मेडिकल कालेज में सबसे ज्यादा कमी जूनियर रेजिडेंट डाक्टरों की है। अभी भी नेरचौक मेडिकल कालेज में जनरल मेडिसिन और जनरल सर्जरी के लिए करीब नौ जूनियर रेजिडेंट चाहिए। इसके बाद विभिन्न विभागों में भी करीब छह एसोसिएट प्रोफेसर की दरकार है। ऐसे में मेडिकल कालेज जब नेरचौक में पूरी तरह शुरू होगा तो डाक्टरों की कमी का खामियाजा कहीं न कहीं मरीजों को ही भुगतना पड़ेगा।

कहां कितनी जरूरत

            प्रोफेसर

पीडियाट्रिक्स          1

ऑर्थोपेडिक्स          1

            एसोसिएट प्रोफेसर

बायोकेमिस्ट्री          1

फार्माकोलॉजी         1

पीडियाट्रिक्स          1

ओर्थोपेडिक्स          1

ऐनेस्थियोलॉजी        1

रेडियो डायग्नोसिस  1

            असिस्टेंट प्रोफेसर

कम्युनिटी मेडिसिन   1

डर्मटोलॉजी, लैपरोसी 1

            ट्यूटर

ऐनेस्थियोलॉजी        2

रेडियो डायग्नोसिस  1

कम्युनिटी मेडिसिन   2

            जूनियर रेजिडेंट

जनरल मेडिसिन      4

जनरल सर्जरी         5


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