रणबांकुरों को सीएम का नमन

By: Jul 27th, 2018 12:05 am

बिलासपुर -पूर्व सैनिक कल्याण समिति हिमाचल प्रदेश ने 19वां कारगिल विजय दिवस युद्ध स्मारक बिलासपुर में वीर सैनिक सम्मान समारोह के रूप में मनाया। जैसे ही समारोह में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहुंचे तो उनका समिति के अध्यक्ष सूबेदार प्रकाश चंद ने स्वागत किया व टोपी पहनाकर सम्मानित किया। सर्वप्रथम मुख्यमंत्री ने सेना की गार्ड का निरीक्षण किया व सलामी ली। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए 52 सैनिकों सहित प्रदेश के 1100 रणबांकुरों, जिन्होंने अनेकों युद्धों में मातृ भूमि की रक्षा करते-करते अपने प्राणों की आहुति दी को पुष्प चक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि दी व दो मिनट का मौन रखा। साथ ही सेना की टुकड़ी ने शहीद हुए सैनिकों को उल्टे शस्त्र करके सलामी दी। समिति के प्रदेशाध्यक्ष सूबेदार प्रकाश चंदेल ने कहा कि कारगिल युद्ध 14 मई 1999 से 26 जुलाई तक लड़ा गया। कारगिल युद्ध 14 मई 1999 को तब शुरू हुआ था जब चार जाट रेजिमेंट के कांगड़ा  निवासी कैप्टन सौरभ कालिया के साथ चार जवानों का गस्ती दल बजरंग पोस्ट की ओर शत्रु की उपस्थिति की जानकारी के लिए रवाना हुआ, लेकिन दूसरे ही दिन गस्ती दल से संपर्क टूट गया और नौ जून 1999 को पाकिस्तानी सेना ने कैप्टन सौरभ कालिया  का शव सेना को सौंपा। उन्होंने कहा कि कैप्टन विक्रम बत्तरा की (ये दिल मांगे मोर) की पुकार आज भी मास्कोघाटी में प्रतिध्वनित हो रही है। कैप्टन विक्रम बत्तरा शेरशाह के नाम से प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि कैप्टन विक्रम बत्तरा ने कई चोटियों पर कब्जा करने के उपरांत प्वाइंट 4875 पर कब्जा करते समय दुशमन ने विक्रम बत्तरा पर चारों तरफ से हमला कर दिया और वह देश के नाम कुर्बान हो गए। कैप्टन विक्रम बत्तरा को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च युद्ध पदक परमजीत चक्र से सम्मानित किया गया।  उन्होंने कहा कि मास्कोघाटी की 17 हजार फीट ऊंची प्लैट टॉप की पोस्ट पर रायफल मैन (अब सूबेदार) संजय कुमार ने कब्जा करते हुए दुशमन पर फायरिंग की और पोस्ट पर कब्जा करते संजय की दाहिनी टांग पर दुशमन की गालियां लगने के वाबजूद भी फ्लेट टॉप पर कब्जा कायम रखा। रायफल संजय कुमार को भी इस बहादुरी व अदम्य साहस के लिए देश के सर्वोच्च युद्ध पदक के परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है। सूबेदार प्रकाश चंद ने बताया कि कारगिल युद्ध के पदकों में दो परमवीर चक्र, चार वीर चक्र, पांच सेना मेडलों (वीरता पुरस्कारों) से सम्मानित किया गया है, जो कि प्रदेश के लिए गौरवशाली विषय है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने नौ डोगरा रेजिमेंट की गार्ड के कार्य की प्रशंसा की और गार्ड को सम्मानित भी किया। इस मौके पर वन मंत्री गाविंद ठाकुर, सदर विधायक सुभाष ठाकुर, घुमारवीं के विधायक राजेंद्र गर्ग, झंडूता के विधायक जीतराम कटवाल, डीसी विवेक भाटिया, एसपी अशोक कुमार, एडीएम विनय कुमार, पूर्व विधायक रणधीर शर्मा, बिटिया फाउंडेशन की प्रदेशाध्यक्ष सीमा सांख्यान, कैप्टन सुरेंद्र, शैलेंद्र बड़ोल, कैप्टन हंसराज, जोगिंद्र पाल, नरेंद्र, जोगिं्रद सेन, संजय चौधरी व भाग सिंह सहित सैकड़ों पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।


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