इन्क्रीमेंट रोकी, तो करेंगे आंदोलन

By: Aug 19th, 2018 12:15 am

शिक्षक संघों में रोष; कहा, प्राइमरी विंग से सुधारी जाए बच्चों की पढ़ाई, कम रिजल्ट पर कार्रवाई सही नहीं

मंडी— हिमाचल प्रदेश विज्ञान अध्यापक संघ ने स्कूल शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं में 25 प्रतिशत से कम परिणाम वाले विषय के शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने का कड़ा विरोध किया है। वहीं संघ के समस्त पदाधिकारियों ने कहा है कि अगर विज्ञान व गणित विषय के अध्यापकों की वेतन वृद्धि को रोका गया, तो संगठन इसके प्रति आंदोलन करने से गुरेज नहीं करेगा। संघ के प्रदेश प्रवक्ता एवं अध्यक्ष मंडी नरेंद्र ठाकुर ने कहा है कि 25 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम आने के लिए शिक्षकों की कोई गलती नहीं है। उन्होंने कहा कि जब विज्ञान व गणित विषय शिक्षक बच्चों को दसवीं कक्षा को पढ़ाते हैं, तो केवल वे उसी सत्र में बच्चों को पढ़ाते हैं, जबकि बच्चों की नींव प्राथमिक स्तर से कमजोर होती है। पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक फेल न होन के कारण बच्चों की पढ़ाई में सुधार नहीं हो पा रहा है। सर्वप्रथम पहली से पांचवीं कक्षा तक प्रत्येक कक्षा तक प्रत्येक कक्षा के लिए विषयवार एक अध्यापक नियुक्त किया जाए। प्रदेश मेें पहली से ही बच्चों की परीक्षाएं सीसीटीवी कैमरे के निरीक्षण में करवाई जाएं। वहीं पांचवीं व आठवीं कक्षा की परीक्षाएं बोर्ड द्वारा ली जाए, ताकि पहली से नौवीं कक्षा तक पढ़ाने वाले अध्यापकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके। प्रदेश में केवल दसवीं कक्षा पढ़ाने वाले अध्यापकों को परीक्षा परिणाम के लिए दोषी न माना जाए। इस अवसर पर जय सिंह, भीम सिंह, सुनील कुमार, भूप सिंह, अशोक वालिया, रविकांत, लवलीन, प्रवीण पराशर, चांद राम, ईश्वर दास, शशि कुमार, गुलशन कुमार, देवेंद्र पाल, कृष्ण यादव, छज्जू राम, इंद्र सिंह, पूजा वैद्य, संजु शर्मा, देश राज, इंद्र जीत, राजेश्वर गुलेरिया, रुपेश, महेंद्र और कांता आदि उपस्थित रहे।

छानबीन किए बगैर दोष देना गलत

हमीरपुर — हिमाचल प्रदेश स्नातकोत्तर अध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग द्वारा अध्यापकों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने का कड़ा विरोध किया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष चितरंजन काल्टा व महासचिव देशराज कटाल ने बताया कि बिना पूरी छानबीन किए अध्यापकों को इस प्रकार दंडित करना नियम 1965 के प्रावधान का उल्लंघन है। इसके तहत तथ्यों की पूरी छानबीन किए बगैर किसी भी कर्मचारी को दंडित नहीं किया जा सकता। स्कूलों में अध्यापकों एवं मूलभूत सुविधाओं की कमी है। पहली से आठवीं कक्षा तक किसी भी छात्र को फेल न करने की नीति से वह छात्र भी नौवीं कक्षा में पहुंच जाते हैं, जिनका स्तर उस कक्षा में बैठने का नहीं होता है। यदि अध्यापकों की वार्षिक वेतन वृद्धि बिना तथ्यों की पूर्णतः जांच किए बगैर रोकी गई, तो संघ निदेशालय स्तर पर धरना देना एवं माननीय न्यायलय में जाने को विवश होगा। इस दौरान जिला प्रधान संजीव शर्मा, जिला महासचिव राजीव रांगड़ा, वीरी सिंह, अजय शर्मा, सोनी कुमार, राकेश कुमार, सतीश कुमार, राजीव कुमार सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

निर्देश वापस ले सरकार

शिमला — प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने प्रदेश सरकार से स्कूलों में कम रिजल्ट वाले शिक्षकों की इन्क्रीमेंट रोकने के निर्देश वापस लेने की मांग की है। संघ के जिला अध्यक्ष लोकेंद्र नेगी ने कहा कि कम रिजल्ट वाले शिक्षकों की इन्क्रीमेंट रोकने कि आदेश जारी कर अध्यापकों के मनोबल को गिराने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कम रिजल्ट के लिए एक तरफ अध्यापक ही कसूरवार नहीं हैं, बल्कि स्कूलों में मूलभूत संरचना की कमी के साथ खाली पड़े पदों के लिए विभाग भी जिम्मेदार है।


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