जैविक कीटनाशक से बढ़ाएं पैदावार

By: Aug 18th, 2018 12:01 am

एकीकृत जीवनाशी प्रबंधन केंद्र की बेहतर फसल उत्पादन के लिए पहल

सोलन— प्रदेश में किसानों को अब रासायनिक जंतुनाशकों के स्थान पर परंपरागत जैविक जंतुनाशकों का प्रयोग कर सेब, टमाटर व अन्य फसलों की बेहतर पैदावार तैयार कर सकेंगे। किसानों द्वारा इस तकनीक को अपनाने से स्वास्थ्य को भी क्षति नहीं पहुंचेगी। यह जंतुनाशक हमारे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ किसानों के मित्र कीट भी सुरक्षित रहते हैं। इससे न केवल फसल की पैदावार बढ़ती है, बल्कि हमारे पर्यावरण को सुरक्षित करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जानकारी के अनुसार भारत के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय वनस्पति संरक्षक संगरोध एवं संग्रह निदेशालय के अंतर्गत कार्यरत केंद्रिय एकीकृत नाशीजीवी प्रबंधन केंद्र द्वारा इस बारे में पहल की है। एकीकृत नाशीजीवी प्रबंधन (आईपीसी) नाशीजीवी के नियंत्रण की सस्ती और वृहद आधार वाली विधि है, जो नाशीजीवी के नियंत्रण की सभी विधियों के समुचित तालमेल पर आधारित है। इसका लक्ष्य नाशीजीवी की संख्या को एक सीमा तक बनाए रखना है। एकीकृत नाशीजीवी प्रबंधन एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें फसलों को हानिकारक कीड़ों तथा बीमारियों से बचाने के लिए किसानों को एक से अधिक तरीका को जैसे व्यवहारिक, यांत्रिक, जैविक तथा रासायनिक नियंत्रण के बारे में लोगों को जागरूक करना है। गौर रहे कि प्रदेश में किसानों द्वारा फसलों की पैदावार को बढ़ाने के लिए लगातार रासायनिक प्रयोग बढ़ता जा रहा है। इससे रसायनों के अवशेषों की मात्रा भी वातावरण में बढ़ती जा रही है। इस कारण मनुष्य तथा अन्य प्राणियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और कई बीमारियों का कारण भी है, जिसको देखते हुए केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन द्वारा रासायनिक जंतुनाशकों के स्थान परंपरागत जैविक जंतुनाशकों का प्रयोग कर कृषि में परिवर्तन लाना है। इससे कीड़ों तथा बीमारियों से होने वाले आक्रमण को या तो रोका जाए या कम किया जा सके।

कुल्लू-मंडी में सजेगी किसान खेत पाठशाला

केंद्रीय एकीकृत नाशीजीवी प्रबंधन केंद्र चंबाघाट द्वारा जिला मंडी व कुल्लू के 12 गांवों में खरीफ फसल, सेब, फूलगोभी, बंदगोभी एवं टमाटर की फसलों के दौरान किसान खेत पाठशाला का आयोजन भी किया जा रहा है। इसमें जिला मंडी में सेब पर ग्राम बालू, टिक्कर, असर एवं सब्जियों के लिए नागवाई, कलजर, पलशन व कुल्लू के राइसन, बेची, पन्नगाई, बागा, मलोगी, मलिपथ्थर में किसानों को इस बारे प्रशिक्षित किया जाएगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App