नालागढ़-पिंजौर फोरलेन में अभी लगेगा वक्त

By: Aug 24th, 2018 12:05 am

नालागढ़ – पिंजौर से नालागढ़ एनएच-21ए मार्ग के फोरलेन बनने का अभी लोगों को इंतजार करना होगा। इसकी अभी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया ही चल रही है, जिसके पूर्ण होने के उपरांत ही आगामी कार्य किया जाएगा। नालागढ़ से पिंजौर फोरलेन में बददी तक 16 किलोमीटर मार्ग के तहत आ रहे 32 गांवों की भूमि का अधिग्रहण कार्य चला हुआ है। इसके तहत पेड़ों की गणना तो पूर्ण हो गई है, लेकिन इसकी जद में आ रहे स्ट्रक्चरों का कार्य का भी पुर्नमूल्यांकन किया जाना है, क्योंकि 32 में से 25 गांवों के भवनों का मूल्यांकन हो चुका था, लेकिन इसके रिवाईज रेट बढ़ जाने के कारण 157 मामलों में दोबारा से पैमाइश की जानी है। नालागढ़ से बद्दी तक के 16 किलोमीटर मार्ग के तहत 3658 पेड़ों की गिनती की गई है, जिसमें से 2165 सरकारी भूमि और 1055 निजी भूमि के पेड़ शामिल है। इससे पूर्व 32 गांवों का 125 करोड़ रुपए का मुआवजा केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय से जारी किया गया है, जिसमें से करीब 112 करोड़ की धनराशि भू-मालिकों को बांटी भी जा चुकी है। अब नए सिरे से तैयार किए जा रहे अतिरिक्त भूमि के मुआवजे और 45 मीटर भूमि सड़क से दोनों ओर लेने के तहत 3डी के ड्राफ्ट केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय को भेजा गया है, जहां से यह नोटिफाई होना है। इसके नोटिफाई होते ही मुआवजे का 3जी का ड्राफ्ट बनेगा। जानकारी के अनुसार स्पेशल लैंड एक्वीजिशन सेल द्वारा एनएच की भूमि का फोरलेन के लिए अधिग्रहण करने का काम किया जा रहा है। पिंजौर-नालागढ़ हाइवे के फोरलेन निर्माण में हिमाचल का बद्दी से नालागढ़ तक का 16 किलोमीटर का मार्ग आ रहा है। विभाग के मुताबिक पिंजौर से नालागढ़ तक बनने वाले 38 किलोमीटर फोरलेन के तहत 104 पुलियों का निर्माण होगा, 16 छोटे पुल और पांच बड़े पुलों का निर्माण होगा। सक्षम अधिकारी भू-अर्जन एवं एसडीएम नालागढ़ प्रशांत देष्टा ने कहा कि फोरलेन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य जोरों से चला हुआ है और पेड़ों की गणना पूर्ण कर ली गई है, जबकि भवनों के कुछ मामलों में पुर्नमूल्यांकन किया जाना है।


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