राफेल डील के खिलाफ सड़कों पर कांग्रेस

By: Aug 3rd, 2018 12:07 am

नाहन में कांग्रेस ने खोला केंद्र के खिलाफ मोर्चा, प्रधानमंत्री का पुतला फूंका; बोले, देश की कमाई पूंजीपतियों पर लुटा रही भाजपा

नाहन – केंद्र सरकार के खिलाफ गुरुवार को कांग्रेस पार्टी ने जिला मुख्यालय नाहन में रोष प्रदर्शन किया। रोष प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने न केवल भाजपा के खिलाफ खूब जहर उगला, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला भी जलाया। रोष रैली को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष कांग्रेस अजय सोलंकी ने बताया कि राफेल विमान डील को लेकर कांग्रेस द्वारा गुरुवार को रोष प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि देश की जनता जानना चाहती है कि 570 करोड़ रुपए की विमान सरकार ने आखिर क्यों 1570 करोड़ रुपए में खरीदा। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस द्वारा संसद में प्रधानमंत्री से इस डील को लेकर पूछा जाता है तो प्रधानमंत्री मूकदर्शक बने रहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार द्वारा राफेल सौदे को लेकर अपनी जुबान नहीं खोली तो कांग्रेस देश भर में जनजागरण अभियान चलाएगी। रोष प्रदर्शन के बाद कांगे्रस ने जिला अध्यक्ष की अगवाई में उपायुक्त के मार्फत राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बताया कि 60145 करोड़ रुपए की राफेल डील की वास्तविकता से पर्दा हटाया जाए। राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में कहा कि 36 राफेल लड़ाकू विमान केंद्र सरकार द्वारा गहरी साजिश के तहत सरकारी खजाना लुटाने के लिए खरीदे गए हैं।  उन्होंने कहा कि राफेल जहाज बनाने वाली कंपनी डसाल्ट एविएशन ने 13 मार्च, 2014 को एक समझौते के तहत सरकारी कंपनी हिंदोस्तान एरोनोटिक लिमिटेड एचएएल से 36 हजार करोड़ रुपए के ऑफ सेट कांट्रेक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूंजीपतियों से प्रेम जनजाहिर हो गया है। उन्होंने कहा कि 10 अप्रैल, 2015 को 36 राफेल विमान की खरीद एक तरफा घोषणा के बाद सरकारी कंपनी एचएएल को इस बड़े डिफेंस ऑफसेट कांट्रेक्ट से अलग करना निजी क्षेत्र को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि डिफेंस ऑफसेट कांट्रेक्ट एक निजी कंपनी रिलाइंस डिफेंस लिमिटेड का ही हिस्सा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सीधे-सीधे रिलाइंस को लाभ पहुंचाने के लिए राफेल सौदा किया गया है। उन्होंने कहा कि हैरत की बात यह है कि रिलाइंस एयरो स्ट्रक्चर लिमिटेड को रक्षा मंत्रालय द्वारा लड़ाकू विमान निर्माण का लाइसेंस तो दिया गया है, लेकिन 2015 में लाइसेंस का आवेदन देने व लाइसेंस के बाद 22 फरवरी, 2016 को इस कंपनी के पास न तो जहाज बनाने की फैक्टरी लगाने के लिए जमीन थी और न ही कोई भवन। राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में कहा कि यूपीए सरकार के समय साढ़े 500 करोड़ रुपए का राफेल जहाज की कीमत मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही 1600 करोड़ रुपए तक पहुंचा दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जानना चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट के बार-बार पूछे जाने पर भी मोदी सरकार लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं कर रही है। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष अनूप ठाकुर, ज्ञान चंद, गुरुदयाल सिंह पंवार, जब्बर, ओपी ठाकुर, सोहन राजपूत, उपमा धीमान, शौकीन फातिमा, स्नेहलता, राकेश, हरप्रीत, बलराज , प्रकाश ,कपिल, धनवीर सिंह, विपुल, मुन्ना खान सुभाष , निखिल, अशोक , विनीत कुमार, रूप राम, यूसुफ अली, मनी राम, महिपत , तनु सैणी, रमेश राजपूत, फकीर मोहम्मद, विनीत व अनिल ठाकुर आदि उपस्थित रहे।


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