सोशल मीडिया… खतरनाक भाषा… अब तो डर लगता है

By: Aug 23rd, 2018 12:05 am

सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा से बरपा हंगामा सड़कों तक पहुंच गया है। हिमाचल के दो सियासतदानों की अभद्र टिप्पणियों ने आम आदमी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि किसी की भी इज्ज्त तार-तार कर देने वाली ऐसी भाषा क्या सोशल मीडिया पर होनी चाहिए? विरोध के लिए क्या हमारे तरकश में इसी तरह के अश्लील नश्तर हैं? इसी विषय पर आम आदमी की राय लेकर आ रहा है प्रदेश का अग्रणी मीडिया ग्रुप

गलत प्रचार सही नहीं

ठाकुर यशपाल सिंह का कहना है कि सोशल मीडिया पर हो रही गलत टिप्पणियों को पूरी तरह से गलत ठहराया है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर गलत बयानबाजी करना तथा झूठा प्रचार करना सही नहीं है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

सदुपयोग करना चाहिए

रुपिंद्र सिंह देहल का कहना है कि हर इनसान को सोशल मीडिया का सदुपयोग करना चाहिए। लोगों को अपना कद देखकर ही किसी के खिलाफ बयानबाजी करनी चाहिए। सोशल मीडिया का प्रयोग अच्छे कार्यों के प्रचार के लिए करना चाहिए।

शोभा नहीं देता

सुखदेव सिंह का कहना है कि सोशल मीडिया पर गाली-गलौज करना किसी को भी शोभा नहीं देता है। अगर किसी की आलोचना करनी है तो संयमित भाषा का प्रयोग करना चाहिए। किसी के साथ गाली-गलौज करने की इजाजत को संविधान भी नहीं देता।

गलत असर पड़ता है

कृष्ण कुमार का कहना है कि सोशल मीडिया पर किसी के भी खिलाफ गलत टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए। आजकल सोशल मीडिया का प्रयोग छोटे बच्चे भी करते हैं। ऐसी टिप्पणियों को इनपर भी गलत असर पड़ता है।

किसी को दुख न हो

परमजीत धीमान का कहना है कि फेसबुक व सोशल मीडिया पर महिलाओं के खिलाफ भी लोग अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। जो कि मानवीय दृष्टि से भी गलत है। कुछ भी पोस्ट करने से पहले अपने शब्दों का चयन अच्छा करना चाहिए जिससे किसी को दुख न पहुंचे।

किसी को ठेस न पहुंचे

दीपशिखा कौशल का कहना है कि   युवतियां व महिलाएं भी आजकल सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं। ऐसे में किसी भी ऐसी पोस्ट को शेयर नहीं करना चाहिए, जिससे महिलाओं को ठेस पहुंचे। न ही किसी ऐसी तस्वीरों को पोस्ट करें, जो देखने लायक

न हो।


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