कोलकाता से पालमपुर पहुंचे गजानन
पालमपुर – ‘गणपति बप्पा मोरया’ का उद्घोष अब पालमपुर व साथ लगते क्षेत्रों में भी होने लगा है। क्षेत्र के लोग गणेश चतुर्थी को पूरे उत्साह के साथ मनाने लगे हैं। गणेश चतुर्थी के दिनों में लोगों के घरों में प्रवेश के लिए गणपति बप्पा को तैयार किया जा रहा है। बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों में तैयार की गई गणेश महाराज की मूर्तियां कोलकाता से पालमपुर पहुंच चुकी हैं। विशेष तकनीक से तैयार की गई यह मूर्तियां विभिन्न साइजों में उपलब्ध हैं। पालमपुर की आइमा पंचायत में व्यवसायी संजीव कुमार इन मूर्तियों को अलग-अलग रंगों से नया रूप प्रदान कर रहे हैं। संजीव बताते हैं कि पिछले कुछ सालों से गणपति की मूर्तियां कोलकाता से मंगवा रहे हैं। यह मूर्तियां बेहद ही आकर्षक हैं और संजीव स्वयं ही इन मूर्तियों को रंग देने का काम करते हैं। बड़ी मूर्तियों को रंगने में तीन से चार दिन का समय भी लग जाता है और एक सजीव कलाकृति भक्तों को मिलती है। पूरी तरह तैयार होने के बाद गणेश जी की मूर्तियां अलग-अलग साइजों में सौ रुपए से लेकर 11 हजार रुपए तक की रेंज में उपलब्ध करवाई जाती हैं। गौर रहे कि इन दिनों के दौरान गणेश जी की मूर्ति की घर में स्थापना और पूजन करने के बाद उनको प्रवाहित करने का क्रम पिछले कुछ सालों से ही क्षेत्र में शुरू हुआ है। अब यह प्रचलन बढ़ रहा है और मूर्तियों की डिमांड बढ़ती देख संजीव ने इस बार पहले से अधिक मूर्तियां मंगवाई हैं। इस साल गणपति की प्रतिमाओं की डिमांड पिछले साल से दोगुना हो गई है। सबसे अधिक मांग सौ रुपए वाली मूर्ति की है, हालांकि इस बार सबसे बड़ी प्रतिमा का दाम 11 हजार रुपए है। संजीव बताते हैं कि उनके यहां तैयार की जा रही गणेश भगवान की मूर्तियां लेने के लिए लोग चढियार, पंचरुखी, नगरोटा, जोगिंद्रनगर और थुरल तक से आ रहे हैं। इस बार गणेश चतुर्थी का त्योहार 13 सितंबर को मनाया जा रहा है।
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