फोरलेन प्रभावितों पर टीसीपी की मार
नए भवन निर्माण के पेंच में फंसे लोग, सरकार से समाधान को आवाज
मनाली – नागचला से मनाली तक के फोरलेन निर्माण से प्रभावित आए दिन नई-नई समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं। जहां एक ओर भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया में भू-अधिग्रहण कानून 2013 के प्रावधानों की अवहेलना पर आंदोलन निरंतर जारी है, वहीं आंदोलनरत प्रभावितों के अतिरिक्त स्थानीय जनता ने भी मुख्यतः ड्रेनेज, पर्यावरण प्रदूषण, रोजगार, रास्ते, कुल्हें, बिजली, पानी आदि की समस्याओं पर रोष जताते हुए इन समस्याओं का तुरंत समाधान करने की मांग कर रहे हैं। कुल्लू से मनाली क्षेत्र के लोगों ने रोष जताते हुए बताया कि कुल्लू से मनाली के बीच बन रही सड़क के किनारे नालियां नहीं बनाई गई हैं, जिसके चलते जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सही प्रकार से रिटेनिंग वाल न लगाने से लोगों की जमीनें, मकान व बगीचे धंस रहे हैं, वहीं प्रशासन इस पर मूक दर्शक बना हुआ है, दूसरी ओर कंपनी के लोग जनता को अनाधिकृत रूप से धमकाते फिर रहे हैं, जहां फोरलेन प्रभावितों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा समिति के अध्यक्ष सेवा निवृत ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को दिए 15 सितंबर तक सरकार से उच्चस्तरीय आधिकारिक बैठक के आश्वासन से सकारात्मक हल निकलने की उम्मीद है, वहीं रोजाना नई समस्याएं सामने आने से प्रभावित सकते में हैं। जनता के इन मुद्दों को लेकर जन जागरण व प्रभावितों की समस्याओं के लेकर प्रभावितों ने फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष सेवा निवृत ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर के नेतृत्व में कुल्लू के बाशिंग, बंदरोल व पतलीकूहल में बैठक कर अपनी चिंताएं बताईं। इस अवसर पर फोरलेन संघर्ष समिति के महासचिव ब्रजेश महंत, मनाली खंड के अध्यक्ष महेंद्र ठाकुर, वरिष्ठ सलाहकार दिनेश सेन, कोषाध्यक्ष मंगत राम शर्मा, महेश शर्मा, प्रोतम नेगी, हुकम ठाकुर, सतीश, शम्मी, सुभाष नेगी, धर्म सिंह, कर्नल बोध, ओम प्रकाश महंत, किशन महंत, सुभाष कपूर सहित दर्जनों प्रभावित शामिल रहे। प्रभावितों में प्रदेश सरकार व अफसरशाही के गैर जिम्मेदाराना रवैये से भारी रोष है। प्रभावित जहां चार गुणा मुआवजे, पुनर्स्थापन व पुनर्वास के संवैधानिक अधिकार, रोजगार जैसे मुद्दों पर आवाज बुलंद कर रहे हैं, वहीं नई समस्याओं से भी दो-चार हो रहें है। ऐसी ही समस्या थलौट से मनाली तक के पूरे क्षेत्र में बोतल से निकले टीसीपी के जिन्न के रूप में विकास योजना के नाम पर टीसीपी के प्रावधानों के अंतर्गत लाए जाने से सामने आई है, जिससे पूरे क्षेत्र में घर बनाना नई आफत बन गया है। कुल्लू-भुंतर विकास योजना के अंतर्गत कुल्लू व भुंतर के साथ लगते लगभग सभी मुहालों में नए भवनों के निर्माण में नगर एवं ग्राम योजना मंडल कुल्लू से स्वीकृति लेना अनिवार्य है, जिसकी अधिसूचना पहली जुलाई 2018 से लागू है।
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