बाढ़ में बही मशीनरी…गैमन-जीएमआर को भारी नुकसान

By: Sep 29th, 2018 12:05 am

भरमौर में रावी पर 180 मेगावाट प्रोजेक्ट बना रही कंपनियों को लगी करारी चपत, क्रशर से लेकर मशीनें तक सब गायब

 भरमौर—उपमंडल में रावी नदी पर 180 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य करने वाली कंपनी जीएमआर और गैमन को बेरहम बारिश 50 करोड की चपत लगा गई है। उफान पर आई रावी नदी और होली नाले में कंपनी की मशीनरी बह गई है और बैचिंग प्लॉंट समेत क्रशर प्लांट को भी तहस-नहस कर दिया है। इसके अलावा कंपनी की ओर से विभिन्न साइट्स के लिए बनाई गई सड़कों को भी बारिश ने तहस-नहस कर दिया है। बहरहाल, कंपनी प्रबंधन ने नुक्सान का आरंभिक तौर पर आंकलन करने के बाद रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी है। खबर की पुष्टि जीएमआर के परियोजना निदेशक एसपी बंसल और गैमन के जीएम बी चौबे ने की है। जानकारी के अनुसार तीन दिनों तक भरमौर उपमंडल में हुई मूसलाधार बारिश के चलते उफान पर आई रावी नदी और होली नाले ने बजोली-होली जल विद्युत परियोजना को करोडों रुपयों का नुकसान पहंुचाया है। परियोजना निदेशक जीएमआर बजोली-होली एसपी बंसल और गैमन के जीएम ने बताया कि प्रोजेक्ट की डैम साइट पर ही कंपनी को भारी नुकसान पहंुचा है । यहां पर मशीनरी के साथ-साथ साइट के लिए बनाई गई सड़क का नामोनिशान मिट गया है। इसके अलावा परियोजना की विभिन्न साइट्स पर भी भारी क्षति पहंुची है। इनमें कंपनी का क्रशर और बैचिंग प्लॉट को इतना नुक्सान पहंुचा है कि वह अब उपयोग योग्य नहीं रहे है। कंपनी के डिवाटरिंग पंप, जेसीबी मशीन, लोडर, टिप्पर समेत अन्य कई वाहन और मशीनरी नदी और नाले के तेज बहाव में आकर बह गई है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने वर्ष 2019 में इस परियोजना का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन इन हालातों के बीच कंपनी को जहां भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं अब व्यवस्था को पटरी पर लाने की भी चुनौती कंपनी प्रबंधन के समक्ष रहेगी। जाहिर है कि बजोली-होली परियोजना का निर्माण जीएमआर कंपनी कर रही है। जीएमआर ने परियोजना का सिविल वर्क गैमन इंजीनियरिंग एंड कांट्रेर्क्टस प्राईवेट लिमिटेड को सौंपा है।


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