‘हिल स्टेट्स रीजनल काउंसिल’ नाम से एक संस्था की स्थापना

By: Sep 23rd, 2018 12:05 am

अधिवेशन के पश्चात वहीं पर पहाड़ी रियासतों से गए प्रजामंडल के प्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र में प्रजामंडल को सुचारू रूप से चलाने के लिए जनवरी, 1946 में ‘हिमालयन हिल स्टेट्स रीजनल काउंसिल’ नाम से एक संस्था की स्थापना की। इसके प्रधान स्वामी पूर्णानंद बनाए गए और उनका कार्यालय मंडी रखा गया। पंडित पद्मदेव को इसका प्रमुख सचिव बनाया गया और उनका कार्यालय शिमला में रखा गया। ..

 हिल स्टेट्स  रीजनल काउंसिल :

 सन् 1945 ई. के अंत में उदयपुर में ‘आल इंडिया स्टेट्स पीपुल्स कान्फ्रेंस’ का अधिवेशन हुआ। अधिवेशन के पश्चात वहीं पर पहाड़ी रियासतों से गए प्रजामंडल के प्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र में प्रजामंडल को सुचारू रूप से चलाने के लिए जनवरी, 1946 में ‘हिमालयन हिल स्टेट्स रीजनल काउंसिल’ नाम से एक संस्था की स्थापना की। इसके प्रधान स्वामी पूर्णानंद बनाए गए और उनका कार्यालय मंडी रखा गया। पंडित पद्मदेव को इसका प्रमुख सचिव बनाया गया और उनका कार्यकाल शिमला में रखा गया। इसके अतिरिक्त श्याम चंद नेगी को उपप्रधान तथा शिवानंद रमौल को संयुक्त सचिव बनाया गया। ‘हिमालय हिल स्टेट्स रीजनल काउंसिल’ का पहला सम्मेलन आठ से दस मार्च, 1946 ई. को मंडी में हुआ। काउंसिल के प्रधान स्वामी पूर्णानंद, महामंत्री पद्मदेव और संयुक्त सचिव शिवानंद रमौल के अतिरिक्त सुकेत, मंडी, बिलासपुर, सिरमौर, चंबा, नालागढ़, बघाट और शिमला की पहाड़ी रियासतों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता करने के लिए आजाद हिंद फौज के सुप्रसिद्ध  सेनानी कर्नल गुरुदयाल सिंह ढिल्लों भी मंडी पहुंचे। इस सम्मेलन में ये मुख्य प्रस्ताव पास किए गए।

  1. यह सम्मेलन श्री सरयूदेव ‘सुमन’ की मृत्यु पर शोक प्रकट करता है तथा इस मृत्यु के लिए टिहरी राज्य को दोषी ठहराता है।
  2. उन महान आत्माओं को जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए प्राण त्याग दिए हैं, श्रद्धांजलि अर्पण करता है।
  3. उदयपुर में हुए अखिल भारतीय देशी राज्य सम्मेलन द्वारा किए गए प्रस्तावों का अनुमोदन करता है।
  4. यह सम्मेलन हिमालय के समस्त राजाओं से मांग करता है कि वे शीघ्रातिशीघ्र अपनी-अपनी रियासतों में उत्तरदायी सरकारों की स्थापना करें।
  5. यह सम्मेलन नागरिक अधिकारों पर लगाए गए प्रतिबंधों के विरुद्ध दुख प्रकट करता है तथा हिमालय की रियासतों के शासकों से अनुरोध करता है कि वे नरेंद्र मंडल की ओर से स्वीकृत नागरिक अधिकारों के प्रस्तावों का मान करते हुए अपनी-अपनी रियासतों में नागरिक अधिकारों पर लगाए हुए प्रतिबंधों को हटा लें।

इस सम्मेलन के विचार में:

(क) बेगार प्रथा पूर्ण रूप से बंद होनी चाहिए। (ख) अनुचित कर समाप्त होने चाहिए।

  1. यह सम्मेलन मंडी नरेश से प्रार्थना करता है कि ‘मंडी स्टेट्स सबजेक्ट्स एसोसिएशन’ के जिन सदस्यों की संपत्ति छीन ली गई है तथा एसोसिएशन का जो धन छीन लिया गया है, वह वापस लौटा दें तथा प्रजामंडल पर से प्रतिबंध उठा लिया जाएं।
  2. यह सम्मेलन सिरमौर राज्य से अनुरोध करता है कि वह पझौता आंदोलन में भाग लेने वाले लोगों को बना किसी शर्त के छोड़ दे और उनकी छीनी हुई संपत्ति वापस लौटा दे।


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