आत्मनिर्भर बनेंगे प्रदेश के दृष्टिबाधित छात्र

By: Oct 16th, 2018 12:01 am

एचपीयू ने तैयार किया वेबपोर्टल; स्डूडेंट पाएंगे हर समस्या का समाधान, मिलेगी हाइटेक सुविधा

शिमला – प्रदेश विवि में पढ़ने वाले विकलांग छात्रोंं के लिए राहत भरी खबर है। दृष्टिबाधित छात्रों के लिए प्रदेश विश्वविद्यालय आदर्श विवि के तौर पर कार्य करेगा। खास बात है कि विवि में पड़ने वाले दृष्टिबाधित छात्रों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। यहां पर दृष्टिबाधित छात्रोंं को पढ़ने-लिखने और यहां तक शौचालय तक अकेले जाने के लिए हाइटेक सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रदेश विश्वविद्यालय को विकलांगजनों को सुविधाएं देने के मकसद से देश के पहाड़ी राज्यों में एक आदर्श विश्वविद्यालय के तौर पर विकसित जाएगा। अहम यह भी है कि विश्वविद्यालय में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए नया वेब पोर्टल बनाया गया है। यह पोर्टल दृष्टिबाधित छात्रों के लिए काफी सहायक सिद्ध होगा। इस पोर्टल के माध्यम से छात्र अपनी हर समस्या का समाधान एक मिनट में कर पाएंगे। विवि के कुलपति प्रो. सिंकदर ने कहा कि विश्वविद्यालय में विकलांगजनों को मुफ्त शिक्षा के साथ ही सभी कक्षाओं में पांच प्रतिशत और नौकरियों में चार प्रतिशत आरक्षण भी दिया जा रहा है। इस वर्ष विश्वविद्यालय के पांच दृष्टिबाधित समेत सात विकलांग विद्यार्थियों का यूजीसी नेट पास करना बड़े गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि विश्व व्हाइट केन दिवस के अवसर पर परिसर में विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य एवं विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव द्वारा आयोजित विकलांगता जागरूकता कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में एक सेंटर फॉर डिसएबिलिटी एंड रिहेबिलिटेशन स्टडीज और स्टेट डिसएबिलिटी रिसोर्स सेंटर भी शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज के अध्यक्ष डा. रामलाल शर्मा ने दृष्टिहीनता के कारण उससे बचाव और इलाज के साथ नेत्र प्रत्यारोपण की जानकारी भी दी। इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो. राजिंद्र सिंह चौहान अनेक अधिष्ठाताए अन्य प्रोफेसर परीक्षा नियंत्रक अधिकारी काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने कहा कि मैं इन बच्चों की पीड़ा समझ सकता हूँ क्योंकि मैं भी समाज कि उस वर्ग से आया हूं, जिसे सदियों से न्याय और अधिकारों से वंचित रखा गया था।

15 लाख से बनेगा सुगम्य पुस्तकालय

विवि में विकलांग विद्यार्थियों के लिए करीब 15 लाख रुपए की लागत से सुगम्य पुस्तकालय स्थापित किया गया है, जिसमें दृष्टिबाधित विद्यार्थी टॉकिंग सॉफ्टवेयर वाले कम्प्यूटरों के जरिए पुस्तकें पढ़ते हैं। बताया जा रहा है कि परिसर में 14 लिफ्ट और 10 रैंप बनाने के साथ ही सभी शौचालय बाधारहित बनाए जाएंगे।


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