नई नहीं, पुरानी जगह पर बने सौरभ वन विहार

By: Oct 3rd, 2018 12:05 am

बिनवा की बाढ़ से चाय नगरी के प्रमुख पर्यटक स्थल सौरभ वन विहार तबाह हो गया है। वन विहार के अंदर बनी झील ने खड्ड का रूप धारण कर लिया । अब इस स्थल को वहीं आबाद करने  या किसी नए स्थान पर शिफ्ट करने की चर्चाएं जन्म ले रही हैं ।   इसी कड़ी में प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप ‘दिव्य  हिमाचल’  ने पालमपुर की नब्ज टटोली तो यू निकले लोगों के जज्बात… राकेश सूद पालमपुर

शहीद स्मारक को ही दिया जाए नया रूप

जीवन संदल भी सौरभ वन विहार को उसी स्थान पर नया रूप देने की पक्षधर हैं । उनका कहना है कि सौरभ वन विहार मनमोहक एवं रमणीक स्थल पर  निर्मित किया गया है। यहां के वातावरण  व सुदर  दृश्य  पर्यटकों  की पहली पसंद बन चुके हैं । हजारों पर्यटक इसी  नजारे को  देखने यहां पहुंचते हैं।  प्राकृतिक आपदा कहीं भी आ सकती है । यहां कंकरीट की वाल या क्रेट लगाकर सेफ्टी प्रदान की जानी  चाहिए।  शहीद स्मारक को ही अब नया रूप दिया जाना चाहिए

न्यूगल किनारे लगाई जाएं मजबूर दीवारें

देवेंद्र कपूर का मानना है कि सौरभ वन विहार से शहीद परिवारों की भावनाएं जुड़ी हैं । इस कारण डैमेज हुए सौरभ वन विहार का निर्माण उसी स्थान पर होना चाहिए। इस स्थान पर न्यूगल के बहाव को दूसरी तरफ  किए जाने के उपाय अमल में लाए जाने चाहिएं तथा सौरभ वन विहार की तरफ  क्रेट, मजबूत  दीवारें व डंगे लगाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में फिर कभी पानी सौरभ वन विहार की तरफ  रुख न करें।

बगोड़ा में खुले स्थान पर बनाया जाए

व्यापारी सतीश जैन का मानना है कि सौरभ वन विहार का निर्माण न्यूगल  के निकट नहीं किया जाना चाहिए था। शहीद स्मारक को अब  मैंझा के निकट बगोड़ा में खुले स्थान पर शिफ्ट कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि  पुराने स्थान पर न्यूगल बरसात में कभी भी रुद्र रूप धारण कर सकती है । भविष्य में भी सौरभ वन  में बाढ़ आने की आशंका को झूठलाया नहीं जा सकता है। इसलिए इस स्थान पर फिर से निर्माण करना सही नहीं है

नई जगह बनाने को लगेंगे 20 साल

राकेश जम्वाल कहते हैं कि पालमपुर तथा इसके आसपास में कोई भी इतना  सुंदर व खुला स्थान उपलब्ध नहीं है,  जहां सौरभ वन विहार का निर्माण किया जा सके। अगर कहीं ऐसा स्थल मिलता भी है, तो उसके निर्माण के लिए कम से कम  20 वर्ष से  अधिक का समय  लगेगा । इसलिए  अच्छा होगा कि इस शहीद स्मारक को यहीं नया रूप दे दिया जाए  और झील  व  वोटिंग की सुविधा जल्द यहीं उपलब्ध करवाई जाए।

पुरानी जगह पर बनाने से सच्ची श्रद्धांजलि

कर्नल एसके डढवाल   का कहना है  कि शहीद   के नाम पर बने  सौरभ वन विहार को उसी स्थान पर आबाद किया जाना चाहिए, तभी कारगिल के शहीद के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।  इस शहीद स्मारक  को अन्य जगह शिफ्ट किए जाने का सवाल ही नहीं  उठता है। इस स्थल को अब मेंटेन किए जाने की जरूरत है तथा इसके पीछे अब 50 साल की सोच जरूरी है, ताकि बड़ी से बड़ी आपदा आने पर भी स्थल को नुकसान न पहुंचे ।

लोगों के दिल से जुड़ा है शहीद स्मारक

संजीव अवस्थी कहते हैं कि हर कोई पालमपुर वासी शहीद स्मारक से दिल से जुड़ा है । इस रमणीक स्थल को कहीं अंयंत्र जगह पर  शिफ्ट करने का कोई औचित्य नहीं है । प्रकृति कहीं भी अपना खेल खेल सकती है। इस स्थल को  देने की प्रोटेक्शन देने की जरूरत है, तभी भविष्य में यह स्थल सुरक्षित रह सकता है। हजारों लोगों की भावनाएं इस शहीद स्मारक से जुड़ी हैं। इस स्थल को अन्य जगह पर शिफ्ट करना अन्याय होगा।


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