विश्वविद्यालय एथलेटिक प्रतियोगिता 2018

By: Oct 12th, 2018 12:06 am

भूपिंदर सिंह

लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं

हमें अपने भविष्य के स्टार धावकों के लिए बिना भेदभाव के मंच उपलब्ध करवाना होगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय खेल परिषद को भविष्य में ध्यान देना होगा कि उसकी खेल प्रतिभाओं को इस तरह का खेल कैलेंडर मिले, जिसमें वह हर जगह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन बिना किसी भेदभाव से निष्पक्ष व निडर होकर सबके सामने कर सके…

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की एथलेटिक प्रतियोगिता का आयोजन 6 से 8 अक्तूबर, 2018 को राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर द्वारा अणु सिंथैटिक ट्रैक पर किया गया। यह विश्वविद्यालय के इतिहास में पहला मौका है कि इस प्रतियोगिता का आयोजन बहुत जल्दी में किया गया। वैसे तो हर वर्ष यह प्रतियोगिता नवंबर अंतिम या दिसंबर के पहले सप्ताह में पिछले कई दशकों से आयोजित होती आई है। इस बार इस प्रतियोगिता को पहले करने का बड़ा कारण रहा है अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय एथलेटिक प्रतियोगिता का नवंबर में हो जाना, क्योंकि ‘खेलो इंडिया’ में इस वर्ष 21 वर्ष से कम आयु वर्ग के धावकों को शामिल किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता के आयोजन के समय उत्तर भारत एथलेटिक प्रतियोगिता रोहतक में आयोजित हो रही थी तथा अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय क्रॉस कंटरी प्रतियोगिता के लिए धावक-धाविकाएं भी अभी वापसी के समय रास्ते में ही थे। वे 6 अक्तूबर शाम तक ही पहुंचे, तब तक पहले दिन की स्पर्धाएं समाप्त हो चुकी थीं। अधिकतर क्रॉस कंटरी के धावक मध्य व लंबी दूरी के दौड़क होते हैं, मगर 800 व 1000 मीटर पुरुष व महिला दोनों वर्गों में 6 अक्तूबर को ही मुकाबले करवा दिए गए थे।

ये आयोजकों तथा विश्वविद्यालय खेल प्रशासन के नकारात्मक व पक्षपातपूर्ण रवैये को सरेआम दर्शा रहे थे। हिमाचल प्रदेश के अधिकतर धावक व धाविकाएं मध्य व लंबी दूरी की दौड़ों में राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। ऐसे में हमें अपने भविष्य के स्टार धावकों के लिए बिना भेदभाव के मंच उपलब्ध करवाना होगा। प्रतिभा हर किसी में नहीं होती ओर खेलों में प्रतिभावान बच्चे तो लाखों में एक मिलते हैं। इसलिए वह प्रतिभावान किसी भी गरीब व अमीर के घर पैदा हो सकता है। हमें इस तरह के प्रतिभावान खिलाडि़यों को प्रोत्साहन देना होगा। अगर हम उनके रास्ते में रुकावट बनकर उन्हें परीक्षा तक ही नहीं पहुंचने देंगे, तो फिर खेलों में पिछडे़ इस प्रदेश को यूं ही राष्ट्रीय स्तर पर सबसे पीछे आकर शर्मसार करते रहेंगे। धर्मशाला महाविद्यालय की मनीशा ठाकुर व संगीता ने वरिष्ठ ओपन नेशनल में 1500 मीटर की दौड़ को स्तरीय समय में दौड़कर पहले आठ स्थानों में जगह बनाकर हिमाचल की हाजिरी लगाई है, मगर वे हमीरपुर में इस दौड़ को नहीं दौड़ सकीं, क्योंकि वे भी अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय क्रास कंट्री प्रतियोगिता में भाग लेने गई थीं। हमीरपुर में आयोजित इस प्रतियोगिता में धर्मशाला महाविद्यालय के पारस ने 100 मीटर की दौड़ को 10:70 सेकेंड में दौड़कर विश्वविद्यालय का तीव्रतम धावक होने के साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ धावक का खिताब भी अपने नाम कर लिया। इस धावक ने 100 मीटर की दौड़ में राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर के रोहित चौहान के 10:87 सेकेंड के कीर्तिमान को भी सुधारा तथा 200 मीटर की दौड़ में भी अनिल वर्मा के 22:4 सेकेंड के कीर्तिमान में सुधार करते हुए 22:3 सेकेंड से अपने नाम लिखा दिया है। महिला वर्ग में राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर की धाविका प्रिया को विश्वविद्यालय की तीव्रतम धाविका का खिताब मिला तथा विश्वविद्यालय की सर्वश्रेष्ठ धाविका का ताज भी इसे ही मिला।

राजकीय महाविद्यालय ऊना के अंकेश ने 800 मीटर में अजय लखनपाल के कीर्तिमान एक मिनट 58 सेकेंड को सुधारकर एक मिनट 52:8 सेकेंड कर दिया तथा 400 मीटर में अपने ही महाविद्यालय के साथी धावक आयुष शर्मा के कीर्तिमान में सुधार करके 49:1 सेकेंड से अपने नाम लिखा लिया। इस प्रतियोगिता में पुरुष व महिला वर्ग की दोनों विजेता ट्राफियां राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला ने झटक लीं और उपविजेता ट्राफियों पर राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर ने कब्जा जमा लिया। पिछले तीन दशकों से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एथलेटिक्स पर राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर का दबदबा कायम रहा है। हमीरपुर का सरकारी विद्यालय 30 वर्षों में 21 बार विजेता या उपविजेता ट्राफी पर कब्जा करता रहा है।

धर्मशाला में खेल छात्रावास बनने के बाद महिला वर्ग में तो वहां का प्रदर्शन अच्छा रहा है, मगर अब तो पुरुष वर्ग में भी धर्मशाला विजेता ट्राफी तक पहुंच गया है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय खेल परिषद को भविष्य में ध्यान देना होगा कि उसकी खेल प्रतिभाओं को इस तरह का खेल कैलेंडर मिले, जिसमें वह हर जगह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन बिना किसी भेदभाव से निष्पक्ष व निडर होकर सबके सामने कर सके। कर्नाटक में हो रही अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय एथलेटिक्स में चयनित धावकों व धाविकाओं को हिमाचल खेल जगत शुभकामनाएं देता है कि वह वहां पर अच्छा प्रदर्शन कर प्रदेश के लिए पदक जीतकर ‘खेलो इंडिया’ तक का सफर सफलतापूर्वक तय कर वजीफे के हकदार बनकर उत्कृष्ट खेल परिणाम भविष्य में दे।

हिमाचली लेखकों के लिए

लेखकों से आग्रह है कि इस स्तंभ के लिए सीमित आकार के लेख अपने परिचय तथा चित्र सहित भेजें। हिमाचल से संबंधित उन्हीं विषयों पर गौर होगा, जो तथ्यपुष्ट, अनुसंधान व अनुभव के आधार पर लिखे गए होंगे।                                               -संपादक


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