एचपीयू के पूर्व परीक्षा नियंत्रक ने पूर्व सरकार पर लगाए आरोप

By: Nov 20th, 2018 12:03 am

 धर्मशाला   —हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व परीक्षा नियंत्रक डा. नरेंद्र अवस्थी ने आरोप लगाए हैं कि पूर्व सरकार ने बेवजह ही उन्हें और अन्य अधिकारियों को प्रताडि़त करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर दिए। डा. अवस्थी ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि एचपीसीए केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी एफआईआर रद्द करने का फैसला सुनाया है। इससे झूठे आरोपों में फंसाए गए सरकारी अधिकारियों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने सवाल उठाए हैं कि पांच साल में उन्हें हुए नुकसान का जिम्मेदार कौन है। उन्हें सेवानिवृत्ति के करीब 50 माह तक वित्तीय लाभ नहीं मिल पाए। इससे उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान होना पड़ा। जो काम उनके समय हुआ ही नहीं था, उससे भी बचाव को उन्हें लाखों रुपए खर्च करने पड़े। नरेंद्र अवस्थी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि एचपीसीए स्टेडियम के पास बने भवन को हटाने के मामले में उन्हें बिना बजह ही आरोपी बनाया गया था। इसमें राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला के प्राचार्य रहते हुए उन पर स्टेडियम के लिए सरकारी भवन गिराने के आरोप लगे, जबकि जहां पर भवन था, वह भूमि उनके कार्यकाल से पहले ही शिक्षा विभाग ने हस्तांतरित कर दी थी। डा. अवस्थी ने कहा कि कोर्ट की जजमेंट से स्पष्ट हो गया है कि मामला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित था। इसी का नतीजा है कि मामले में कई प्रशासनिक अधिकारियों को सरकार के निर्देशों पर निकाल लिया गया, जबकि अन्य पर सरकारी ग्वाह बनने के दबाव बनाए गए। ऐसा न करने पर उन्हें मामले में आरोपी बनाया गया। उन्होंने कहा कि इससे पांच सालों में उन्हें जो मानसिक और आर्थिक रूप से नुकसान हुआ है। इसके लिए वह कानूनी सलाह लेकर आगामी कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं।

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