दोस्ती के नाम पर इमरान की राजनीति

By: Nov 29th, 2018 12:11 am

करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास पर पाक प्रधानमंत्री ने छेड़ा कश्मीर राग

करतारपुर -सिखों के पवित्र स्थल करतारपुर साहिब के लिए कॉरिडोर का शिलान्यास वैसे तो एक पवित्र अवसर था, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कार्यक्रम को दोस्ती की आड़ में राजनीतिक रंग देने की कोशिश की। बुधवार को उन्होंने आतंकवाद की चर्चा तो नहीं की पर कश्मीर राग अलापना नहीं भूले। इमरान खान द्वारा जम्मू-कश्मीर का जिक्र किए जाने पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। कार्यक्रम के दौरान इमरान खान कश्मीर का मुद्दा उठाना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि हमारा मसला एक है कश्मीर का। इनसान चांद पर पहुंच गया है तो कौन सा मसला है कि इनसान हल नहीं कर सकता। सीमा के दोनों तरफ मजबूत इरादे वाली सरकारें चाहिए। इरादा और बड़ा ख्वाब होना चाहिए। सोचिए, हमारे संबंध बेहतर हो जाएं तो दोनों मुल्कों को कितना फायदा हो सकता है। मैं मजबूत संबंध चाहता हूं कि क्योंकि दुनिया में इस इलाके में सबसे ज्यादा गरीबी है। बॉर्डर खुल जाएं तो तरक्की आएगी। पाक सरकार और सेना के बीच अक्सर मतभेद की चर्चा का जिक्र करते हुए उन्होंने साफ कहा कि भारत से बेहतर रिश्ते को लेकर देश की सरकार और फौज की राय एक है। इमरान ने आगे कहा कि दोनों तरफ से गलतियां हुई हैं, लेकिन जब तक हम आगे नहीं बढ़ेंगे, तब तक जंजीर (दुश्मनी की) को नहीं तोड़ पाएंगे। जर्मनी और जापान लड़ाई में करोड़ों लोगों का कत्ल कर चुके हैं, लेकिन अब उन्होंने जंजीरें तोड़ दीं और अब वे इसके बारे में सोच भी नहीं सकते। आज वे आगे बढ़ सकते हैं तो भारत और पाकिस्तान क्यों नहीं? उन्होंने आगे कहा कि फ्रांस और जर्मनी एक यूनियन बनाकर आगे बढ़ सकते हैं तो हमने एक-दूसरे के लोग भले मारे हों, लेकिन वैसा कत्लेआम कभी नहीं किया। हम एक कदम आगे बढ़ कर दो कदम पीछे चले जाते हैं। पिछले 70 वर्षों से हम इसी तरह के मामले देखते आ रहे हैं। इमरान ने कहा कि हमारे में ताकत नहीं हैं कि कुछ भी होगा, हम साथ रहने के बारे में सोचें और बातचीत जारी रखें। मैं आज आपके सामने कह रहा हूं कि मैं पाकिस्तान का प्रधानमंत्री, सभी पार्टियां, फौज और हमारे सभी संस्थान एक साथ-एक मत हैं। भारत से बेहतर रिश्ते के साथ हम आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि चीन ने 30 साल में 70 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला है। उनका भी पड़ोसियों से विवाद है, पर उनके नेताओं ने अपने लोगों को गरीबी से निकालने का दूरदर्शी नजरिया अपनाया। इस इलाके में कितने बच्चे हैं, जो कुपोषण का शिकार हैं। हमारे राजनेताओं को अपने गरीब तबके के बारे में सोचना चाहिए। इमरान खान ने अपने संबोधन के आखिर में एटमी हथियारों की भी बात की। उन्होंने कहा कि दोनों मुल्कों के पास एटमी हथियार हैं तो यह बिल्कुल साफ है कि जंग हो ही नहीं सकती है। कोई सोच भी नहीं सकता है कि जंग जीती जा सकती है। ऐसे में तो सिर्फ दोस्ती ही हो सकती है।

कश्मीर के जिक्र पर भारत ने लताड़ा

इमरान खान द्वारा जम्मू-कश्मीर का जिक्र किए जाने पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारत ने कहा कि पाक पीएम ने इस पवित्र मौके का राजनीतिक इस्तेमाल करने की कोशिश की। विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। यह खेद की बात है कि सिखों के लिए महत्त्वपूर्ण करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्त्रम में पाकिस्तान के पीएम ने बेवजह जम्मू और कश्मीर का जिक्र किया, जो भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। भारत ने आगे कहा कि पाकिस्तान को अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को पूरा करना चाहिए और अपनी धरती से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। भारत ने पाकिस्तान को आतंकियों को पनाह देना बंद करने की भी नसीहत दी।

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