फिर होगा ट्र्रांसगिरि का सर्वे

By: Nov 25th, 2018 12:02 am

जनजातीय मंत्रालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव को जारी किया पत्र

 नौहराधार —केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय द्वारा ट्रांसगिरि एरिया का सर्वे किया जाएगा। इस बारे जनजातीय मंत्रालय ने 24 अक्तूबर को प्रदेश के मुख्य सचिव बीके अग्रवाल को पत्र जारी कर फिर से नए सिरे से सर्वे करने को कहा गया है। इस दौरान मुख्य सचिव ने प्रदेश जनजाति निदेशालय को फिर सर्वे करने को कहा है। अब यहां पर दोबारा से केंद्रीय जनजातीय मंत्रलाय के रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया भी दिसंबर में आएंगे। इससे पहले भी आरजीआई कार्यालय से असिस्टेंट रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की अगवाई में कई पंचायतों का दौरा कर चुके हैं। ट्रांसगिरि क्षेत्र के लोगों को अब यह लगने लगा है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर फिर शगूफा छोड़ दिया गया है। उत्तराखंड के जोंसार बाबर को 1967 में ही जनजातीय क्षेत्र का दर्जा मिल गया था। हालांकि तब से ही ट्रांसगिरि में भी मांग रही है, लेकिन 1978 से एसटी के दर्जे की मांग ने जोर पकड़ लिया, सिवाए राजनीतिक रोटियां सेंकने के राजनीतिज्ञों ने कुछ नहीं किया। लोकसभा चुनाव के दौरान मौजूदा गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी नाहन के चौगान मैदान में सत्ता में आते ही ट्रांसगिरि को जनजातीय दर्जा देने की जोरदार पैरवी की थी। अब अगला लोकसभा चुनाव नजदीक आ चुका है, मगर अब भी सर्वे पर सर्वे पर ही मामला अटका पड़ा है। 1986 में केंद्र सरकार ने प्रदेश को हाटी जनजातीय की रिपोर्ट पेश करने को कहा था। प्रदेश से रिपोर्ट भी भेजी गई। 1990 में भी प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया। यह सर्वे रिपोर्ट आज तक धूल फांकती रही। वर्ष 2009 में सांसद बनने के बाद वीरेंद्र कश्यप ने संसद में चार बार हाटी समुदाय को जनजातीय का दर्जा देने की मांग उठाई। उधर, इस संबंध में सांसद वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि दिसंबर में दोबारा ट्रांसगिरि एरिया का जनजातीय मंत्रालय द्वारा सर्वे हो रहा है। कोशिश की जा रही है कि शीघ्र ही यह जनजातीय क्षेत्र घोषित हो।

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