सेवा ब्रिज से चुराह घाटी तक सीमाएं सील

By: Nov 22nd, 2018 12:05 am

इनोवा गाड़ी लेकर फररार हुए संदिग्धों के खौफ से खाकी ने कसा शिकंजा, खैरी के साथ पंजाब की सीमाओं पर भी बढ़ाई चौकसी

चंबा  —अमृतसर के निरंकारी सत्संग के दौरान हुए आतंकी हमले एवं इससे पहले संदिग्धों की ओर से इनोवा गाड़ी छीनने की सूचना के बाद जम्मू-कश्मीर के साथ लगता जिला चंबा भी हाई अलर्ट पर है। जम्मू-कश्मीर एवं हिमाचल को जोड़ने वाले सेवा नदी पर बने पुल से लेकर खुंडी मराल के साथ ही चुराह घाटी तक खाकी ने चौकसी बढ़ाते हुए सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया है। इसके साथ खैरी सेक्टर के साथ ही पंजाब से लगती सीमआंे में भी अलर्ट जारी कर हर तरह की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने की निर्देश दिए हैं। पड़ोसी राज्यों से एंटर हो रही गाडि़यों की गहन चैकिंग एवं निगरानी के साथ ही प्रदेश की सड़कों पर एंट्री दी जा रही है। पड़ोसी राज्यों से होकर गुजरने वाले बसों के साथ निजी वाहन की जांच के अलावा गाडि़यों मंे रखे सामान की भी प्रमुखता से जांच की जा रही है। ताकि शांत प्रदेश मंे संदिग्ध गतिविधियों से किसी तरह की अशांति का माहौल न बन सके।  वहीं तीन दिन पहले पड़ोसी राज्य अृतसर में हुए आतंकी हमले के बाद प्रदेश में आंतकियों के घुसने की खबरों से जम्मू कशमीर की सीमाओं से लगते चंबा जिला के लोगों भी खौफ की स्थिति पैदा हो गई है।

1998 में आतंकियों ने की थी 35 मजदूरों की हत्या

परिवार को दो वक्त की रोजी जुटाने के लिए चंबा पंागी सड़क मार्ग के कार्य मंे लगे निर्दोष एवं करीब मजदूर जब कार्य से लौट कर अपने टैंट (कालावन सतरूंडी) में आराम कर रहे थे तो उसी वक्त जम्मू-कश्मीर की सीमा पार कर आतंकी कालाबन पहंच गए। खाना खाने के बाद शाम को टैंट मंे आराम फरमा रहे 35 मजदूरों को मौत के घाट उतार दिया। घटना तीन अगस्त 1998 की है। बताया जाता है कि पहले आतंकियों ने मजदूरों को साथ एक लाइन में खड़ा किया और उनके हाथ बांध दिए। फिर एक-एक करके सभी पर गोलियां बरसाईं। मंजर को सुन आज भी भी हर किसी रूह कांप जाती है। वहीं बचे हुए छह लोगांे को आतंकी अगवा कर साथ ले गए थे, जिनका आज तक पता नहीं चल पाया है। अगवा किए गए मजदूरों में एक ही परिवार दो लोग बाट-बेटा भी शामिल थे।

शहीद हुए थे दो पुलिस जवान

सिंतबर 1993 में तीसा के सिंगड़ाधार में पुलिस पर आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें दो पुलिस जवान शहीद हो गए थे। इसी माह आतंकियों ने तीसा के रोहिणीधार में लूटपाट को भी अंजाम दिया था। वहीं नवंबर माह में किहार सेक्टर के खुंडीमराल में आतंकियों के बीच पुलिस की मुठभेड़ हुई जिसमें एक पुलिस जवान मारा गया था। इससे पहले भी किहार एंव पंागी, खैरी एवं तीसा क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं सामने आई है।

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