सोलन-सिरमौर में गुरु पर्व की धूम

By: Nov 24th, 2018 12:05 am

नालागढ़—सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव जी का 550वें प्रकटोत्सव नालागढ़ में धूमधाम से मनाया गया। प्रकटोत्सव को लेकर शुरू हुए अखंड पाठ का भोग डाला गया, तत्पश्चात संगत को अटूट लंगर बरताया गया। कीर्तन जत्थों द्वारा शब्द कीर्तन कर गुरु की महिमा का बखान कर संगत को निहाल किया। इस अवसर पर भारी संख्या में संगत उपस्थित रही। शहर के वार्ड-9 स्थित गुरुद्वारा सिंघ सभा में कीर्तन जत्था द्वारा गुरु की महिमा का गुणगान किया। हजूरी रागी जत्था नालागढ़ सुखजीत सिंह, हजूरी रागी जत्था हरदेव सिंह, निष्काम सेवा कंवर हरविंदर सिंह व बच्चों ने शबद कीर्तन कर संगत को निहाल किया, जिसमें उन्होंने वाहेगुरु जी दा खालसा, वाहे गुरु की फतह फतह, लख खुशियां पातशाहियां जे सतगुरु नजर करें, हरजिओ हरजिओ निमाणूयां नू मान, खालसा मेरो रूप है खास, तू मेरा पिता, तू है मेरा माता, तुम सच्चे पातशाह, मन क्यों वैराग करे सतगुरु मेरा पूरा, वाहेगुरु वाहेगुरु, उच्ची सुच्ची वाणी बाबे नानक दी, जित्थे मेहर तेरी उत्थे सब खुशियां आदि की प्रस्तुतियों से गुरू की महिमा का वर्णन किया। एसजीपीसी मेंबर डा.दिलजीत सिंह भिंडर व गुरुद्वारा सिंघ सभा नालागढ़ के प्रधान परमजीत सिंह ने कहा कि गुरू नानक देव जी का जन्म 1469 में हुआ था और उनका जीवन क्रांतिकारी व भक्तिमयी रहा है। उन्होंने विपरीत स्थितियों में विपरीत स्थानों में जाकर परमात्मा की बात लोगों तक पहंुचाई।  उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में सच्चा सौदा किया और भूखे साधुओं को प्रसाद ग्रहण करवाया। मोदी खाने में नौकरी कर सभी को 13-13 तोलकर सभी को ब शीश बांटी। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी के बताए रास्तों और उनके उपदेशों को सभी को अपने जीवन में अनुग्रहण करना चाहिए।

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