हिमाचल में अब हर औषधीय पौधे का होगा डीएनए

By: Nov 9th, 2018 12:20 am

पहली बार शुद्धता जांचने के लिए जैव प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर ने शुरू किया प्रोजेक्ट

 शिमला  —अब हिमाचल भी यह जांच पाएगा कि मेडिसन प्लांट सौ फीसदी असली है या नकली। हिमाचल जैव एवं प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर ने एक अहम प्रोजेक्ट को शुरू किया गया है, जिसमें हर मेडिसन प्लांट का डीएनए टेस्ट किया जाएगा। यानी प्लांट की वंशावली को लेकर इतनी गहनता से जांच की जाएगी, जिसके बारे में पहले आयुर्वेद विभाग की इक लौती जोगिंद्रनगर लैब भी सौ फीसदी शुद्धता का पता नहीं लग पाती थी। लिहाजा इन सभी प्लांट्स का टेस्ट कर इसकी बारकोडिंग होगी। बारकोडिंग कर प्लांट को लेकर एक ऐसा लेबल तैयार किया जाएगा, जिससे प्लांट के सभी वंशों के बारे में यह पता चल जाएगा कि औषधीय पौधा कितना शुद्ध है।  बहरहाल यदि कोई भी प्लांट से संबंधित वस्तु प्रदेश के बाजार में बेचेगा तो उसकी शुद्धता का पता आसानी से चल जाएगा। इस प्रोजेक्ट के बारे में आयुर्वेद विभाग को भी पेश किया जाने वाला है। गौर हो कि  अब नेशनल मेडिसिन प्लांट बोर्ड भी सभी राज्यों को निर्देश दे चुका है कि औषधीय शुद्धता को लेकर प्लांट्स की जांच को बारीकी से तय किया जाए।

क्या है डीएनए

प्रदेश में कई ऐसी दवाएं बन रही हैं, जिसकी शुद्धता का पता आयुर्वेद लैब भी नहीं लगा पाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कई औषधीय पौधों के कई वंश होते हैं, जिसे लोगों को बता कर जनता को ठगा जाता है। अब डीएनए से पता चल जाएगा कि पौधा असली है या नकली।

मेडिकल स्टूडेंट भी परखेंगे

विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि जैव संस्थान द्वारा ही मेडिसिन प्लांट के डीएनए किया जा रहा है, लेकिन संस्थान का मानना है कि मेडिकोज भी इस टेस्ट को कर पाएंगे, जिसकी ट्रेनिंग छात्रों को दी जाएगी।


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