अगस्ता वेस्टलैंड के घोटाले में नया मोड़

By: Dec 8th, 2018 12:09 am

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री

लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं

पत्रकारों के तीखे प्रश्नों से घबरा कर जोसफ ने एक और जानकारी उगल दी। उसने कहा दुबई में मेरे और मिशेल के एक सांझे दोस्त हैं। उसने मुझे मिशेल के लिए न्यायालय में पेश होने के लिए कहा था। सोनिया कांग्रेस का विधि विभाग दुबई में एक सांझे दोस्त के माध्यम से क्रिश्चियन मिशेल से जुड़ा हुआ था। कब से जुड़ा हुआ था, इसका खुलासा फिलहाल जोसफ ने नहीं किया। हो सकता है बाद में कभी ये भी हो जाए। जब बिल्ली थैले से बाहर आ गई, तो कांग्रेस शैली में ही डैमेज कंट्रोल के प्रयास होने लगे…

मैंने लगभग अढ़ाई साल पहले दिव्य हिमाचल के इसी स्तंभ में अगस्ता वेस्टलैंड के बारे में लिखा था। इटली की इस कंपनी से वायु सेना के लिए भारत सरकार ने कुछ हैलीकॉप्टर खरीदने थे। उसके लिए कंपनी ने भारत में कुछ अति महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों को 360 करोड़ रुपए की रिश्वत दी। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को इटली की न्यायपालिका ने कैद की सजा भी सुना दी। दिल्ली में भी उस समय की सरकार ने कुछ जांच इत्यादि का नाटक शुरू कर दिया, लेकिन इस पूरी जांच में महत्त्वपूर्ण व्यक्ति एक ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल था, जिसने इटली की इस कंपनी और भारत सरकार के बीच दलाल की भूमिका अदा की थी। जाहिर है कि उसने दूसरे लोगों को रिश्वत दी थी, तो स्वयं भी रिश्वत खाई होगी। उसने क्या खाया क्या पीया, इतना महत्त्वपूर्ण नहीं था, लेकिन उसने भारत में इस सौदे के लिए किस-किस को खिलाया-पिलाया, यह महत्त्वपूर्ण था। इसलिए इस पूरी जांच से मिशेल का भारत की जांच एजेंसियों के शिकंजे से बाहर होना जरूरी था। यह काम मिशेल ने और उस समय की सरकार ने मिल कर सफलतापूर्वक कर लिया। मिशेल भारत से बाहर हो गया। वह भारत का नागरिक भी नहीं था। इसलिए अब उसे वापस मंगवाना भी संभव नहीं होगा, जिन्होंने रिश्वत खाई थी उनके चेहरे चमकने लगे। मिशेल के भाग जाने के बाद सोनिया गांधी परिवार के बयान आने लगे थे कि हम किसी से नहीं डरते।

उधर क्रिश्चियन मिशेल संयुक्त अरब अमीरात में दहाड़ने लगा। दुबई को वैसे भी इस प्रकार के दलालों का अड्डा माना जाता है, लेकिन सोनिया कांग्रेस का दुर्भाग्य कि दिल्ली में सरकार बदल गई और नई सरकार ने मिशेल को वापस भारत मंगवाने के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी । शुरू-शुरू में लगता था कि दुबई सरकार मिशेल का प्रत्यावर्तन नहीं करेगी, इसलिए कांग्रेस भी भयमुक्त थी, लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद विश्व की राजनीति में भारत का भी कद बढ़ा है। अंततः कुछ दिन पहले संयुक्त अरब अमीरात की सरकार क्रिश्चियन मिशेल को भारत सरकार को सौंप देने के लिए तैयार हो गई। भारत की जांच एजेंसियां चार दिसंबर को मिशेल को लेकर दिल्ली पहुंच गईं। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में यह पहला बड़ा धमाका था, जिसने सोनिया कांग्रेस में भूकंप ला दिया। मिशेल ने यदि उनके नाम उगलने शुरू कर दिए, जिन्होंने इस सौदे में रिश्वत खाई थी, तो क्या होगा? गीता में कहा गया है कि कर्म का फल पीछा नहीं छोड़ता। बाइबिल में भी ऐसा कुछ जरूर कहा गया होगा। जांच एजेंसियों ने क्रिश्चियन मिशेल को न्यायालय में पेश किया और उससे पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड की मांग की। मिशेल के वकील अलखों के जोसफ ने इसका डट कर विरोध किया। उसका कहना था कि मिशेल निर्दोष है, लेकिन न्यायालय ने मिशेल का रिमांड पुलिस को दे दिया, लेकिन असली धमाका तो अभी होने वाला था। मिशेल का वकील न्यायालय में उसकी पैरवी करने के तुरंत बाद सोनिया कांग्रेस के कार्यालय पहुंच गया। वहां उसने कांग्रेस के पदाधिकारियों से सलाह-मशविरा किया। तब कुछ पत्रकारों को शक हुआ कि आखिर यह जोसफ कौन है और मिशेल की पैरवी के बाद यह सीधा कांग्रेस कार्यालय क्या करने गया था? तब जाकर अगस्ता वेस्टलैंड के घोटाले के भीतर के एक और घोटाले का राज खुला। मिशेल का वकील अल्जोके जोसफ केरल का रहने वाला है और सोनिया कांग्रेस के युवा विभाग के विधि विभाग का अध्यक्ष है।

जाहिर है ये जानकारियां कांग्रेस की सेहत के लिए हानिकारक हो सकती थीं, लेकिन पत्रकारों के तीखे प्रश्नों से घबरा कर जोसफ ने एक और जानकारी उगल दी। उसने कहा दुबई में मेरे और मिशेल के एक सांझे दोस्त हैं। उसने मुझे मिशेल के लिए न्यायालय में पेश होने के लिए कहा था। सोनिया कांग्रेस का विधि विभाग दुबई में एक सांझे दोस्त के माध्यम से क्रिश्चियन मिशेल से जुड़ा हुआ था। कब से जुड़ा हुआ था, इसका खुलासा फिलहाल जोसफ ने नहीं किया। हो सकता है बाद में कभी ये भी हो जाए।

जब बिल्ली थैले से बाहर आ गई, तो कांग्रेस शैली में ही डैमेज कंट्रोल के प्रयास होने लगे। सबसे पहले तो जोसफ ने ही लोगों को समझाने की कोशिश की। उसका कहना था कि मैं मिशेल का वकील व्यक्तिगत हैसियत में ही हूं। मछली कब पानी पीती है और कब नहीं, इसका फैसला करना संभव नहीं है, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि यह मान लिया जाए कि जब जोसफ कचहरी में खड़ा होकर मिशेल को बचा रहा है, तब वह कांग्रेस के विधि विभाग का अध्यक्ष नहीं है। जैसे ही वह बहस बंद करता है, अगले ही क्षण वह कांग्रेसी हो जाता है। वैसे केवल रिकार्ड के लिए सोनिया कांग्रेस ने अलजोके जोसफ को पार्टी से निकाल दिया है या खुदा रहम कर।

ई-मेल : kuldeepagnihotri@gmail.com

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