उपलब्धियों की इबारत का सफर

By: Dec 27th, 2018 12:05 am

अजय पाराशर

लेखक, धर्मशाला से हैं

इस एक साल के सफर के दौरान हिमाचल ने सभी क्षेत्रों में मजबूत इरादों के साथ विकास की नई डगर पर तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं। अपने कार्यकाल के पहले ही वर्ष में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यक्षम, ओजस्वी एवं दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार ने समाज के सभी वर्गों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए, तीस से अधिक नई योजनाएं आरंभ की हैं…

बीते साल 27 दिसंबर को शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने मंत्रिमंडल के साथ प्रदेशवासियों को कुशल, पारदर्शी एवं निष्पक्ष प्रशासन देने की शपथ ली थी। इस एक साल के सफर के दौरान हिमाचल ने सभी क्षेत्रों में मजबूत इरादों के साथ विकास की नई डगर पर तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं। अपने कार्यकाल के पहले ही वर्ष में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यक्षम, ओजस्वी एवं दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार ने समाज के सभी वर्गों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए, तीस से अधिक नई योजनाएं आरंभ की हैं। हिमाचलवासियों के लिए यह गौरव का विषय है कि सुशासन, बाल अधिकार इंडेक्स, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना आदि में श्रेष्ठ कार्य के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है। प्रदेश को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में तीन तथा बेहतर स्वास्थ्य कार्योंके लिए चार पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर, उन्हें स्वावलंबी बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने युवा शक्ति की उद्यमशीलता को प्रोत्साहित कर, राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना तथा मुख्यमंत्री युवा आजीविका योजना आरंभ की हैं। युवाओं को अपने काम-धंधे आरंभ करने के लिए निवेश तथा ब्याज पर उपदान तथा स्टांप ड्यूटी में छूट जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत  18 से 35 वर्ष आयुवर्ग के युवाओं को उद्योगों में 40 लाख रुपए तक के निवेश पर संयंत्र मशीनरी के निवेश पर 25 फीसदी उपदान दिया जा रहा है।

अब तक प्रस्तुत 1,100 आवेदनों में से 736 को विभिन्न बैंकों को प्रेषित किया जा चुका है और 36 परियोजनाओं के लिए आठ करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री युवा आजीविका योजना के तहत योजना सेवा तथा व्यापार के क्षेत्र में 18 से 35 वर्ष आयुवर्ग के युवाओं को खुदरा व्यापार, दुकान, रेस्टोरेंट, टूअर ऑपरेटर, साहसिक पर्यटन, परंपरागत शिल्प आदि के लिए 30 लाख रुपए तक की राशि के निवेश पर भूमि तथा मकान के अलावा 25 फीसदी उपदान दिया जा रहा है। इन दोनों योजनाओं में महिलाओं के लिए उपदान की दर तीस प्रतिशत है। हर घर को रसोई गैस की सुविधा देने और गृहिणियों को लकडि़यां चुनने के झंझट से मुिक्त दिलाने के लिए सरकार ने पात्र परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने वाली हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना शुरू की है। ऐसे व्यक्ति, जो आयुष्मान भारत योजना में सम्मिलित नहीं हैं, के इलाज में सहायता देने के लिए हिमाचल हैल्थ केयर योजना आरंभ की गई है। इसके तहत 10 करोड़ रुपए के प्रावधान के साथ मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष स्थापित किया गया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य देखभाल योजना और हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सल स्कीम का विलय करने के बाद आयुष्मान भारत की तर्ज पर पूरे परिवार को पांच लाख रुपए तक के कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। प्रदेश की आर्थिकी में किसानों-बागबानों के अहम योगदान के दृष्टिगत कृषि क्षेत्र की उन्नति के लिए सिंचाई, कृषि यंत्रीकरण, ग्रीनहाउस नवीकरण, बागबानी सुरक्षा संबंधी अनेक योजनाएं आरंभ की गई हैं। उत्तम गुणवत्ता वाले उत्पादों की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक खेती पर विशेष बल दिया जा रहा है। वृद्धों को अधिकतम राहत पहुंचाने के उद्देश्य से, बिना किसी आय सीमा की शर्त के  सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्ति की आयु सीमा को घटाकर 80 से 70 साल किया गया है। अटल आशीर्वाद योजना के तहत स्वास्थ्य संस्थानों में जन्म लेने वाले सभी नवजात शिशुओं को 1,500 रुपए मूल्य की नवागंतुक किट प्रदान की जा रही है। मदर टेरेसा मातृ आश्रय संबल योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर पांच हजार तथा बेटी है अनमोल योजना के तहत बीपीएल परिवारों को मिलने वाली राशि को बढ़ाकर 12 हजार रुपए कर दिया गया है।

आम जनता से सीधे संवाद और सतत संपर्क के उद्देश्य से आरंभ जनमंच कार्यक्रम में मंत्रियों की अध्यक्षता में हर माह, विधानसभा वार हजारों लोगों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया जा रहा है। सरकारी योजनाओं के लाभ को हर व्यक्ति तक अविलंब पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा हिम प्रगति के माध्यम से ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जा रही है। डिस्ट्रिक्ट गुड गवर्नेंस इंडेक्स योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए 77 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीणों को अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए जिला मुख्यालय न आना पड़े। रोजगार केंद्रों को कौशल पहचान केंद्र तथा आदर्श करियर परामर्श केंद्र में परिवर्तित किया गया है। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत जरूरतमंद व्यक्तियों को अपना घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। सैन्य सेवाओं में राज्य के लोगों के अमूल्य एवं अविस्मरणीय योगदान के मद्देनजर केंद्र तथा राज्य सरकार भूतपूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। पिछले एक साल के दौरान केंद्र सरकार ने राज्य को अब तक छह बड़ी परियोजनाओं के लिए 6,310 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इनमें पर्यटन विकास परियोजना, बागबानी विकास परियोजना, समेकित खुंब विकास परियोजना, वन प्रबंधन एवं आजीविका सुधार परियोजना, पेयजल संवर्धन योजना तथा जल संरक्षण एवं वर्षा जल संग्रहण परियोजनाएं शामिल हैं। प्रदेशवासियों को पूरी उम्मीद है कि आने वाले चार साल, हिमाचल के लिए और भी उपलब्धियों भरे होंगे।


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